मंदी की मार से आईटी क्षेत्र कर्मचारी भी हलकान हो रहे हैं।
अपनी लागत कम करने के मकसद से देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज ने अनूठा तरीका निकाला है। उसने अपने कर्मचारियों को एक पत्र जारी कर कहा है कि कर्मचारी चाहें, तो एक साल तक अध्ययन, समाज सेवा या अन्य कार्यों के लिए अवकाश पर जा सकते हैं और इस दौरान कंपनी उन्हें कुल वेतन का 50 फीसदी का भुगतान करेगी।
ऐसा कर कंपनी जहां लागत कम करने का प्रयास कर रही है, वहीं कर्मचारियों की छंटनी से बचने का रास्ता तलाश रही है। उल्लेखनीय है कि सितंबर 2008 तक कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या करीब 1 लाख पहुंच चुकी है।
कंपनी उन्हीं कर्मचारियों को इस ऑफर का लाभ देगी, जो पिछले दो साल से लगातार कंपनी के पे-रोल पर काम कर रहे हों, साथ ही इसका निर्णय इन्फोसिस के वरिष्ठ सदस्य करेंगे। कंपनी के सूत्रों का कहना है कि यह एक तरह से स्वैच्छिक अवकाश है, जिससे कर्मचारियों का तो भला होगा ही, कंपनी भी इससे लाभान्वित होगी।
सूत्रों का कहना है कि जो भी कर्मचारी स्वेच्छा से सामाजिक कार्यों के लिए इस अवकाश का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें अवकाश की अवधि पूरी होने पर कंपनी में वापस लिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि कंपनी इस मामले में विचार कर रही है कि अवकाश पर गए कर्मचारियों को किस नियम के तहत वेतन या अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए।
कंपनी की योजना है कि कुछ रकम वेतन मद में दिया जाए, जबकि शेष राशि स्वयं सेवी संगठनों में काम कर अर्जित किया जाए। इन्फोसिस के प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना को दो माह पहले ही लागू किया गया है, जिसके तहत कोई भी कर्मचारी एक साल के लिए सामाजिक कार्यों के लिए अवकाश पर जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को इसके बारे में बता दिया गया है। हालांकि यह स्वैच्छिक अवकाश की तरह है। जब उनसे पूछा गया कि इस दौरान कर्मचारियों को कितना वेतन दिया जाएगा, तो उन्होंने बताया कि कंपनी कर्मचारियों के वेतन का 50 फीसदी का भुगातन करेगी, जबकि शेष रकम सामाजिक संगठनों में काम कर कर्मचारी कमा सकते हैं।
कंपनी के सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी के चेयरमैन नारायण मूर्ति की यह इच्छा है कि समाज से जब हम लेते हैं, तो उसे कुछ देना भी हमारा कर्तव्य है। यही नहीं, कई कर्मचारी सामाजिक कार्यों के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ चुके हैं।
यही वजह है कि कंपनी ने इस की योजना की शुरुआत की है। कंपनी प्रवक्ता ने बताया कि ऐसे में उन लोगों को इस नए नियम से फायदा होगा, जो समाज सेवा करना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि वैश्विक वित्तीय संकट की वजह से उनके कई ग्राहकों का मुनाफा घटा है, जिनमें वित्तीय संस्थान, बैंक और दूरसंचार कंपनियां शामिल हैं। प्रमुख ब्रोकरेज हाउस सीएलएसए ने भविष्यवाणी की है कि वित्तीय संकट के कारण इन्फोसिस को तीसरी तिमाही में डॉलर मद में घाटा हो सकता है।
सामाजिक कार्यों के लिए एक साल तक अवकाश पर जा सकते हैं कर्मचारी
इस दौरान कंपनी 50 फीसदी वेतन का करेगी भुगतान
मंदी से निपटने के लिए कंपनी ने अपनाई अनूठी योजना