केरल में संकट से जूझ रहे नारियल कृषि क्षेत्र के दिन अब सुधरने वाले हैं। केरल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (किनफ्रा) इस क्षेत्र से जुड़े किसानों की मदद के लिए आगे आया है।
किनफ्रा एक ऐसा नया मंच बनाए जाने पर विचार कर रहा है जो किसानों, नारियल संवर्द्धन से जुड़े लोगों और रिटेलरों को एक मंच पर लाएगा। इससे किसानों को अधिक से अधिक मूल्य हासिल करने और नारियल को खराब होने से बचाने में मदद मिलेगी और इससे उनकी आय में भी इजाफा होगा।
इसके लिए किनफ्रा ने केरा पार्क (नारियल पार्क) स्थापित करने की योजना बनाई है। उसे केरल के त्रिशूर जिले में कोडाकरा में ऐसे पार्क की स्थापना के लिए कोकोनट डेवलपमेंट बोर्ड (सीडीबी) का समर्थन भी मिल रहा है। इस योजना पर प्रकाश डालते हुए किनफ्रा के वरिष्ठ मीडिया सलाहकार के. एन. श्रीकुमार ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि नारियल कृषि क्षेत्र फिलहाल संकट से गुजर रहा है।
यह क्षेत्र कम पारिश्रमिक, अन्य खाद्य तेलों से प्रतिस्पर्धा, नारियल की पैदावार को प्रभावित करने वाली बीमारियों आदि जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। इसे देखते हुए किनफ्रा द्वारा विशेष उपाय किए जा रहे हैं।
श्रीकुमार ने कहा, ‘इस परियोजना पर अनुमानित रूप से 50 करोड़ रुपये की लागत आएगी जिसमें केरा पार्क की स्थापना के लिए खरीदी जाने वाले भूखंड की कीमत शामिल नहीं है। त्रिशूर के कोडाकरा में केरा पार्क स्थापित करने के लिए 100 एकड़ भूमि हासिल करने में अभी सफल नहीं हुआ है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया अभी चल रही है।’ किनफ्रा द्वारा इस परियोजना के लिए एक एजेंसी की सेवा लिए जाने पर उन्होंने कहा कि प्रस्तावित परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत विकसित की जाएगी।
श्रीकुमार ने कहा, ‘इस परियोजना में कुछ खास क्लस्टरों में फार्म-स्तर की खरीद के लिए बुनियादी सुविधाओं का निर्माण, उत्पादों का संवर्द्धन जिसमें खाद्य एवं गैर-खात्र क्षेत्र दोनों शामिल हैं, संवर्द्धन गतिविधियों की देखभाल के लिए केंद्रीयकृत बुनियादी सुविधा और जल आपूर्ति, बिजली, पर्यावरण प्रणालियों के लिए मूल ढांचे के अलावा जांच सुविधाएं आदि मुहैया कराई जाएंगी।’
प्रस्तावित केरा पार्क अगले तीन साल में तैयार हो जाएगा। इस पार्क से नारियल कृषि क्षेत्र का कायाकल्प होने की संभावना है। श्रीकुमार ने कहा, ‘नारियल उत्पाद निर्माण उद्योग को गुणवत्तायुक्त सेवा की पेशकश कर इस परियोजना के जरिये विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा सुविधा विकसित किए जाने की उम्मीद है। इससे क्षेत्र में निवेश में और इजाफा होगा तथा नए बाजारों के खुलने से निर्यात में भी बढ़ोतरी होगी।’
किनफ्रा ने केरा पार्क की योजना इस तरह से बनाई है कि इसमें नारियल उत्पादों के मूल्यवर्धन के लिए अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाएं और प्रौद्योगिकियां हाेंगी। यह पार्क प्राथमिक संग्रह केंद्रों के कामकाज को भी आसान बनाएगा। ये संग्रह केंद्र कच्चे पदार्थों के संग्रह में मदद देंगे।
श्रीकुमार ने कहा, ‘यह पार्क सहायक बुनियादी ढांचे और पूरी तरह व्यवस्थित आपूर्ति श्रृंखला से लैस संवर्द्धन और मूल्यवर्धन अत्याधुनिक संवर्द्धन सुविधाओं से युक्त क्षेत्र होगा। इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य एकीकृत मूल्य शृंखला की स्थापना को सुगम बनाना है जिससे नारियल पेड़ के सभी भागों का पूरी तरह से वाणिज्यिक इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे नारियल की खेती से जुड़े किसान अपनी आय में इजाफा करने में सक्षम होंगे।’ इससे किसानों को विभिन्न क्लस्टरों में संगठित करने में भी मदद मिलेगी।
सभी क्लस्टर एक ऐसे स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) के गठन के लिए आगे आ रहे हैं जो केरा पार्क में आने वाले उद्योगों के लिए नारियल खेती में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा, ‘हमने इस केंद्रीयकृत औद्योगिक पार्क के प्रबंधन के लिए एक अलग एसपीवी की योजना बनाई है।