जेएसडब्ल्यू स्टील की डिजिटलीकरण के पहलों के जरिये लघु अवधि में 30-40 करोड़ डॉलर की लागत बचत पर नजर है। कंपनी ने 2017 में डिजिटलीकरण की शुरुआत की। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि डिजिटलीकरण परियोजना से हुई लघु अवधि की बचत 30-40 करोड़ डॉलर के दायरे में होगी। कंपनी इस लक्ष्य को दो से तीन सालों में हासिल कर सकती है।
जेएसडब्ल्यू स्टील ने 2017 में शुरू की गई डिजिटलीकरण पहल को ‘प्रोजेक्ट एथेना’ का नाम दिया है। उस वक्त से ही एबिटा पर प्रभाव करीब 1,200 करोड़ रुपये तक रहा। परियोजना के पहले चरण में यह देखा जाना था कि डिजिटल किस तरह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सभी क्षेत्रों के लिए मददगार साबित हो सकता है। दूसरे चरण में मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और ऑटोमेशन का इस्तेमाल कर छोटी परियोजनाओं की चुनौतियां दूर की जा सकती हैं।
जेएसडब्ल्यू में डिजिटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (डीसीओई) के प्रमुख सिद्धार्थ पटेल का कहना है, ‘करीब डेढ़ साल पहले हमने एथेना के तीसरे चरण पर काम शुरू किया था जिसमें फिलहाल हम हैं। इस चरण में हम ज्यादा बदलाव वाली परियोजनाएं चाहते हैं।’ तकनीकी हस्तक्षेप से जेएसडब्ल्यू देश में वित्त वर्ष 2015 तक डिजिटल तरीके से जुड़ी हुई स्मार्ट स्टील फैक्टरियों का एक नेटवर्क तैयार करने में सक्षम होगा।
डिजिटल तरीके से जुड़ी हुई स्मार्ट स्टील फैक्टरियों के रोडमैप के तहत जेएसडब्ल्यू की पहली स्मार्ट फैक्टरी, विजयनगर वक्र्स का संचालन वित्त वर्ष 2023 से शुरू हो जाएगा। महाराष्ट्र में डोल्वी वक्र्स, तमिलनाडु में सलेम वक्र्स और संयुक्त नियंत्रण के तहत आने वाले सभी संयंत्र और कंपनियों में भी डिजिटलीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
डिजिटल तरीके से जुड़े स्मार्ट स्टील विनिर्माण में तीन अहम हिस्से जुड़े हैं। पहला इसकी सभी स्टील फैक्टरियों में कच्चे माल के प्रबंधन के लिए एक स्मार्ट आयरन जोन, एक स्मार्ट डिजिटल जोन और एक स्मार्ट मिलिंग जोन। विनिर्माण की प्रक्रिया का डिजिटलीकरण करने के रोडमैप के तहत 200 से अधिक डिजिटल परियोजना की पहचान की गई है। करीब 100 परियोजना पर केवल विजयनगर संयंत्र में ही अमल किया जा रहा है।
अब दुकानों से लेकर संयंत्र के प्रबंधक और अध्यक्ष के सारे आंकड़े जेएसडब्ल्यू स्टील के चेयरमैन के डैशबोर्ड पर उपलब्ध होंगे। डैशबोर्ड के आंकड़ों की मदद से प्रदर्शन का प्रबंधन करने से लेकर, तत्काल फैसले लेने, सुधारात्मक कदम उठाने और नियमों में बदलाव करने में मदद मिलेगी।