सज्जन जिंदल की अगुआई वाली जेएसडब्ल्यू स्टील का एकीकृत शुद्ध लाभ दिसंबर में समाप्त तिमाही में 4,357 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 63 फीसदी ज्यादा है। मुख्य रूप से भारतीय परिचालन से मजबूत राजस्व के कारण कंपनी का मुनाफा बढ़ा। इस अवधि में कंपनी की शुद्ध बिक्री पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 74 फीसदी की उछाल के साथ 37,462 करोड़ रुपये रही, जिसमें ऑटोमोटिव, सोलर व अप्लायंसे क्षेत्र में देसी बिक्री में इजाफे का असर रहा। कंपनी का कुल निर्यात तिमाही के दौरान थोड़ा घटकर बिक्री का 15 फीसदी रहा, जो दूसरी तिमाही में 30 फीसदी रहा था।
ब्लूमबर्ग के अनुमान में कंपनी का राजस्व 36,529 करोड़ रुपये और मुनाफा 4,689 करोड़ रुपये रहने की भविष्यवाणी की गई थी।
मुंबई की स्टील उत्पादक का तिमाही एबिटा 9,132 करोड़ रुपये रहा और एबिटा मार्जिन 24 फीसदी रहा। इसके अलावा 1,745 करोड़ रुपये के कर खर्च ने कंपनी की आय पर चोट की, जिससे शुद्ध लाभ कम हुआ।
जेएसडब्ल्यू स्टील की विज्ञप्ति में कहा गया है कि कंपनी का एकीकृत शुद्ध कर्ज/इक्विटी (बीपीसीएल के एकीकरण के बाद) तिमाही के अंत में 1.02 गुना रहा, जबकि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही के अंत में यह 0.92 गुना था और शुद्ध कर्ज/एबिटा 1.73 गुना रहा, जबकि वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही के अंत में यह 1.58 गुना था।
दिसंबर तिमाही के दौरान पूंजीगत व्यय के संबंध में जेएसडब्ल्यू स्टील ने कहा कि कंपनी का पूंजीगत व्यय 4,026 करोड़ रुपये रहा और वित्त वर्ष 2022 की अप्रैल से दिसंबर की अवधि में यह 10,353 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष में कुल नियोजित पूंजीगत व्यय 18,240 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही के दौरान बीपीसीएल ने 180 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया।
कंपनी ने कहा कि विजयनगर में 50 लाख टन वाला ब्राउनफील्ड विस्तार अच्छी प्रगति कर रहा है, कार्यस्थल पर सिविल कार्य चल रहा है। विजयनगर, वासिंद और तारापुर में डाउनस्ट्रीम विस्तार परियोजनाएं कार्यान्वयन के अगले चरणों में हैं। इसके अलावा भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) ने सितंबर और अक्टूबर 2021 के महीने के लिए लौह अयस्क के पहले से सूचित औसत बिक्री मूल्य को संशोधित किया ह ै।
रतनइंडिया पावर को रिकॉर्ड मुनाफा
रतनइंडिया पावर लिमिटेड (आरपीएल), जिसने वर्ष 2019 में अपने अमरावती तापीय बिजली संयंत्र के ऋण पुनर्गठन का समापन किया था, ने रिकॉर्ड लाभ दर्ज किया है। कंपनी ने इसकी वजह बकाया भुगतान और बिजली की बिक्री से होने वाली अधिक कमाई बताई है।
वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के दौरान आरपीएल ने 104.44 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 21 की इसी अवधि के दौरान 33.44 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया गया था। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान कंपनी का एबिटा 298.72 करोड़ रुपये रहा।
बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बात करते हुए आरपीएल के प्रबंध निदेशक विभव अग्रवाल ने कहा कि कंपनी ने रेगुलेटरी एसेट की वसूली शुरू कर दी है, जो ज्यादातर कानूनी विवाद के कारण अटकी हुई थीं।
