सीधे उपभोक्ताओं तक ताजा मांस और समुद्री खाद्य पहुंचाने वाले देश के सबसे बड़े डीटुसी (डायरेक्ट टु कंज्यूमर) ब्रांड लीशियस ने आईआईएफएल एएमसी के लेट स्टेज टेक फंड की अगुआई में वित्त पोषण के एक दौर में 5.2 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। इस वित्त पोषण से यह एक अरब डॉलर से ज्यादा मूल्यांकन वाली देश की पहला डीटुसी या स्टार्टअप बन गई है।
एवेंडस एफएलएफ (फ्यूचर लीडर्स फंड) ने भी इस दौर में निवेश किया है। इस सौदे के लिए एवेंडस कैपिटल ने लीशियस के लिए विशेष वित्तीय सलाहकार के रूप में भूमिका निभाई है। वित्त पोषण की तेजी के बीच वर्ष 2021 के दौरान देश में उभरने वाली लीशियस 29वीं यूनिकॉर्न है। इस वित्त पोषण से इसे फ्रेशटुहोम, जैपफ्रेश के साथ-साथ बिगबास्केट और स्विगी जैसी बड़ी कंपनियों के साथ बेहतर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी।
लीशियस के सह-संस्थापक विवेक गुप्ता और अभय हंजुरा ने कहा कि आने वाले वर्षों में लीशियस टिकाऊ और जिम्मेदार व्यवसाय का निर्माण करने की दिशा में काम करेगी, जो भारतीय स्वाद के लिए सुव्यवस्थित वैश्विक प्रभाव और उत्पादों के इष्टतम मिश्रण के जरिये देश में पशु प्रोटीन श्रेणी की पुनर्कल्पना करेगा। गुप्ता और हंजुरा ने कहा, ‘लेकिन सबसे बढ़कर, आप हमें ताजा मांस और समुद्री खाद्य क्षेत्र में चैंपियन बनते हुए देखेंगे, क्योंकि हमनें इसे भारत में उपभोक्ता व्यवसायों की अग्रिम पंक्ति में बनाया हुआ है।’
बीटुसी क्षेत्र के लिए वित्त पोषण भले ही काफी बढ़ चुका हो, लेकिन उन्होंने कहा कि एफएमसीजी को अब भी सबसे आकर्षक श्रेणी नहीं समझा जाता है। गुप्ता और हंजुरा ने कहा ‘हम उम्मीद करते हैं कि लीशियस का यह यूनिकॉर्न दर्जा इसे बदल देगा।’
ताजा मांस और समुद्री भोजन क्षेत्र अब भी काफी हद तक सीमित और असंगठित है, जिसमें 40 अरब डॉलर की व्यापक संभावना है। इस श्रेणी के अगुआ के रूप में लीशियस ने कहा कि इसका लक्ष्य नए स्टार्टअपों की दूसरी लहर के लिए मार्ग प्रशस्त करना है, जो उद्योग द्वारा पेश की जाने वाली क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करने में हाथ मिला सकते हैं। फर्म ने कहा कि वह आपूर्ति शृंखला, उत्कृष्टता, उत्पाद नवोन्मेष, प्रतिभा और विकेता भागीदार उन्नयन के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश के जरिये श्रेणी का निर्माण जारी रखेगी।
देश में डीटुसी बाजार एक मोड वाले बिंदु पर है और वर्ष 2025 तक 100 अरब डॉलर का आकार प्राप्त करने की उम्मीद है। महामारी ने इस क्षेत्र के विकास में तेजी लाने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। इसके बावजूद यह क्षेत्र लीशियस से पहले तक यूनिकॉर्न पैदा करने में विफल रहा है।
