रिलायंस जियो शिक्षा से जुड़े क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए एक विशेष तरह का लैपटॉप पेश करने की योजना बना रही है। इससे 5जी इस्तेमाल में भी काफी वृद्धि हो सकती है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी एक बेसिक लैपटॉप पर काम कर रही है जिसकी कीमत 10,000 रुपये से कम होगी। पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) में एक डिस्प्ले, एक कीपैड, एक जियो ऑपरेटिंग सिस्टम और क्लाउड से जुड़ने के लिए हार्डवेयर शामिल होगा, जिसमें सभी जानकारी और एप्लिकेशन शामिल किए जा सकेंगे।
उपयोगकर्ता अपनी जरूरत और सुविधा के अनुसार क्लाउड को खरीद सकते हैं, वे क्लाउड पर जितना स्टोरेज खरीदेंगे, उसी के मुताबिक उन्हें भुगतान करना होगा।
कंपनी को वैश्विक पीसी निर्माताओं के साथ भागीदारी की उम्मीद है और इससे देश में लैपटॉप बाजार को कई गुना बढ़ाने में मदद मिलेगी। मुख्य रूप से कंपनी का उद्देश्य कई बैकएंड फंक्शन को कंप्यूटर से क्लाउड पर लाना है, ताकि कंप्यूटर मशीन की कीमत को कम की जा सके। जियो के एक कार्यकारी के अनुसार, देश में कुल 15 लाख स्कूल है, और औसतन प्रत्येक स्कूल में 10 क्लासरूम हैं।
जियो के आंकड़े के मुताबिक, देश में लैपटॉप बाजार लगभग 10 करोड़ लैपटॉप का है, जो विद्यार्थियों या स्कूलों द्वारा खरीदा जा सकता है, या कई राज्यों द्वारा सब्सिडी पर भी छात्रों को दिया जा सकता है। कार्यकारी ने कहा कि इस समय अधिकांश लैपटॉप की कीमत 30,000 से 50,000 रुपये के बीच है, जिसके कारण ये कम कमाई वाले लोगों की पहुंच से दूर है।
अगर सिर्फ एडटेक क्षेत्र में लैपटॉप के असली बाजार क्षमता को देखा जाए तो पिछले साल एचपी और डेल जैसी बड़ी कंपनियों ने सिर्फ 15 लाख से कम लैपटॉप बेचे। कंपनी गेमिंग में भी ऐसा ही करने पर विचार कर रही है, ताकि यूजर्स को एक्सबॉक्स जैसे महंगे कंसोल खरीदने की जरूरत न पड़े। सारे गेम क्लाउड पर मिल जाएंगे, जहां से लोग उसे एक्सेस कर सकते हैं, हालांकि लैपटॉप की अपेक्षा अपलोड होने में थोड़ी देर लग सकती है।
रिलायंस जियो जियोबुक भी पेश करने की कोशिश में है। इसके लिए यह क्वालकॉम और माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसमें 4जी चिप लगी होगी और इसकी कीमत भी 20,000 रुपये से कम ही अनुमानित है।
रणनीति के तौर पर रिलायंस जियो ने केवल तभी हस्तक्षेप किया है जब उसे नए उत्पादों में बाजार में कमी दिखाई देती है या जब विक्रेता उस सामान की बेचने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते।
उदाहरण के लिए, यह जियो 4जी फीचर वाले फोन को असेंबल करने के लिए बाजार में उतर आया, जब इसने देखा कि यह उपभोक्ताओं को 2जी से 4जी में अपग्रेड करने के लिए एक सस्ता ऑफर दे सकता है।
4जी की शुरुआत के दौरान सबसे पहले कंपनी ने 4जी वोल्टी फोन को असेंबल करने का काम शुरू किया क्योंकि कंपनी ने देखा कि ज्यादातर विक्रेता इसे बेचने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
