आईटी कंपनी विप्रो को सेंसेक्स में शामिल किए जाने की संभावना बढ़ गई है, जबकि दोपहिया दिग्गज बजाज ऑटो को इससे बाहर किया जा सकता है। यह अनुमान स्वतंत्र शोध प्रदाता स्मार्टकर्म में विश्लेषक ब्रायन फ्रीटास द्वारा किए गए विश्लेषण में जताया गया है।
सूचकांक में इस बदलाव की घोषणा नवंबर के मध्य में की जाएगी, जबकि इसे 17 दिसंबर से प्रभावी किया जाएगा। ये बदलाव सुनिश्चित करने के लिए दिसंबर की समीक्षा में 6 महीने के औसत बाजार पूंजीकरण और ट्रेडिंग से संबंधित कारोबार (1 मई से 31 अक्टूबर के बीच) का इस्तेमाल किया जाता है।
विप्रो का मौजूदा समय में 80,213 करोड़ रुपये का औसत फ्री फ्लोट बाजार पूंजीकरण है। इसके बाद जेएसडब्ल्यू स्टील (71,000 करोड़ रुपये) और टाटा मोटर्स (62,280 करोड़ रुपये) का स्थान है। गैर-सूचकांक घटकों के संदर्भ में बजाज ऑटो 50,929 करोड़ रुपये के औसत फ्री फ्लोट बाजार पूंजीकरण के साथ 38वें पायदान पर है।
फ्रीटास का मानना है कि निवेशक सूचकांक में शामिल होने के बाद पैदा होने वाली सकारात्मक धारणा को ध्यान में रखते हुए विप्रो में खरीदारी कर सकते हैं।
उनका कहना है, ‘विप्रो अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले गिरावट पर कारोबार कर रहा है और तुलनात्मक आधार पर यह शेयर खरीदारी के लिहाज से अच्छा दांव हो सकता है।’ विप्रो मौजूदा समय में 24.5 गुना के एक वर्षीय पी/ई मल्टीपल पर कारोबार कर रहा है वहीं टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) 28.1 गुना और इन्फोसिस 27.7 गुना पर कारोबार कर रहे हैं। उद्यम वैल्यू-बिक्री (ईवी/बिक्री) आधार पर, विप्रो 4 गुना पर, टीसीएस 6.3 गुना पर और इन्फोसिस 5.83 गुना पर है।
बजाज ऑटो भी अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले गिरावट पर कारोबार कर रहा है और यदि उसकी कीमत ऐक्टिव पोजीशन से गिरती है और फिर पैसिव बिकवाली होती है तो यह खरीदारी का अच्छा अवसर हो सकता है। मौजूदा समय में बजाज ऑटो 17.6 गुना के एक वर्षीय पी/ई पर कारोबार कर रहा है।