चीन की प्रौद्योगिकी कंपनी हुआवे पर ट्रंप प्रशासन ने सख्ती और बढ़ा दी है। प्रशासन ऐसे कदम उठा रहा है जिससे हुआवे तक अमेरिकी प्रौद्योगिकी की पहुंच किसी भी तरीके से नहीं हो।
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोमवार को फॉक्स न्यूज से कहा, हम अमेरिका में उनके उपकरण नहीं चाहते क्योंकि वे हमारी जासूसी करते हैं। कोई भी देश जो इसका उपयोग करता है, हम खुफिया जानकारी साझा करने के संदर्भ में कुछ भी नहीं करेंगे। वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को नया नियम जारी किया जिसके जरिये यह सुनिश्चित किया गया है कि हुआवे अमेरिकी चिप प्रौद्योगिकी हासिल नहीं कर पाए।
अमेरिका ने पिछले साल गूगल म्यूजिक और अन्य स्मार्टफोन सर्विस समेत अमेरिकी उपकरणों और प्रौद्योगिकी की पहुंच को लेकर हुआवे पर पाबंदी लगा दी थी। मई में व्हाइट हाउस ने दुनिया भर में काम कर रही उन इकाइयों पर भी जुर्माना कड़ा कर दिया, जो अमेरिकी प्रौद्योगिकी का उपयोग कर हुआवे के लिए उपकरण बना रहे थे। वाणिज्य वभाग ने सोमवार को कहा कि हुआवे पर और पाबंदियां लगाने की जरूरत है क्योंकि चीनी कंपनी लगातार तीसरे पक्षों को आपूर्ति की जा रही प्रौद्योगिकी का उपयोग कर प्रतिबंध से बचने का प्रयास कर रही है। नए नियम के तहत हुआवे पर अमेरिकी प्रौद्योगिकी का उपयोग कर बनाए गए और वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध चिप तक पहुंच को रोकने की कोशिश की गई है।
अमेरिका ने सोमवार को हुआवे की 21 देशों में 38 संबद्ध इकाइयों को अपनी निगरानी सूची में शामिल किया है। अमेरिका इन कदमों के जरिये यह सुनिश्चित कर रहा है कि कंपनी किसी तरीके से उसके कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करे।
चीन ने लगाया आरोप
उधर, चीन ने अमेरिका पर वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। अमेरिका की हुआवे पर नई पाबंदी लगाए जाने के बाद उसने यह बात कही। चीन ने मंगलवार को यह भी कहा कि वह चीनी कंपनियों के संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठाएगा। हालांकि उसने कोई जवाबी कार्वाई का संकेत नहीं दिया।
