रिलायंस जियो के लिए पूरे भारत में 4जी नेटवर्क तैयार करने के लिए अनुबंध हासिल कर दूरसंचार उपकरण बाजार में प्रवेश करने वाली दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग अब 5जी क्षेत्र में अपने पहले भागीदार की तलाश कर रही है।
सैमसंग कुछ सर्किलों में दूरसंचार कंपनी के लिए 5जी नेटवर्क तैयार करने और उपकरण आपूर्ति के लिए भारती एयरटेल के साथ बातचीत कर रही है। इस घटनाक्रम से अवगत लोगों का कहना है कि इन सर्किलों में पंजाब और कोलकाता शामिल हो सकते हैं। सैसमंग ने शुरू में वोडाफोन आइडिया के साथ भी बातचीत की थी। सैमसंग इंडिया के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर बयान देने से इनकार कर दिया। भारती एयरटेल और वीआईएल को इस संबंध में भेजे गए सवाल का भी कोई जवाब नहीं मिला है।
सैमसंग का यह प्रयास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन की कंपनियों – हुआवेई और जेडटीई को 5जी पेशकश में शामिल होने की अनुमति हीं दी जा रही है, इसलिए बाजार में अवसर महसूस किया जा सकता है और इसका लाभ तीन कंपनियों एरिक्सन, नोकिया और सैमसंग को मिलेगा। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए इन कंपनियों की भागीदारी में दूरसंचार कंपनियां अपने स्वयं के 5जी स्वदेशी ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क (ओ-आरएएन) भी विकसित कर रही हैं। हालांकि दूरसंचार कंपनियों द्वारा अभी भी इस दिशा में काम किया जा रहा है और वाणिज्यिक पेशकश को लेकर निर्णय 2023-24 तक लिया जाएगा।
उदाहरण के लिए, एयरटेल ने 5जी के लिए रेडियोज और विभिन्न आधुनिक स्टैक तैयार करने के लिए टीसीएस के साथ समझौता किया हे। उसने ओ-आरएएन सॉफ्टवेयर के लिए मैवनेयर, मीमो सेल्स के लिए एनईसी जैसी विभिन्न वैश्विक कंपनियों के साथ भी भागीदारी की है। रिलायंस जियो ने अपपनी स्वयं की देसी 5जी टेक्नोलॉजी भी बनाई है।
4जी नेटवर्क व्यवसाय में, चीन का एयरटेल के साथ साथ वोडाफोन आइडिया, दोनों के लिए उपकरण आपूर्ति में 20 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान है। ये दो दूरसंचार कंपनियां एरिक्सन और नोकिया के साथ सर्किलों को साझा करती हैं। अनुमानों के अनुसार, सैमसंग की 30-35 प्रतिशत भागीदारी है, जो जियो के लिए नेटवर्क से है और शेष भागीदारी पर दो यूरोपीय उपकरण निर्माताओं का दबदबा है।
विश्लेषकों का कहना है कि रिलायंस जियो अपने 700 मेगाहर्ट्ज बैंड नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए नए विक्रेता की तलाश कर सकती है, जिसके लिए उसे आगामी नीलामियों में सफलता मिल सकती है।
दूरसंचार उपकरण निर्माता
ओ-आरएएन क्षेत्र में हो रहे इस बदलाव पर पैनी नजर रखे हुए हैं। वहीं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट कहा है कि निजी दूरसंचार कंपनियों ने 5जी के लिए इनमें अच्छी दिलचस्पी दिखाई है।
