कोविड-19 महामारी की मार से बेहाल भारतीय फिल्म उद्योग और दर्शकों के लिए तरस रहे देश के सिनेमाघरों को इस बार दीवाली पर शानदार तोहफा मिला है। दीवाली पर प्रदर्शित हुईं दो फिल्मों हिंदी में ‘सूर्यवंशी’ और तमिल में ‘अन्नाथे’ ने भारतीय फिल्म उद्योग में नई जान फूंक दी है। इन दोनों फिल्मों ने इस महीने के पहले सप्ताह में संयुक्त रूप से भारत सहित दुनिया भर में 400 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है।
भारतीय फिल्म दुनिया को लगातार राजस्व में कमी का सामना करना पड़ रहा था मगर इन दोनों फिल्मों की शानदार कमाई ने एक नए उत्साह का संचार किया है। ईऐंडवाई की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में फिल्म उद्योग का सालाना राजस्व कम होकर महज 7,220 करोड़ रुपये रह गया जो वर्ष 2019 में 19,100 करोड़ रुपये रहा था। ताजातरीन आंकड़ों के अनुसार अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म सूर्यवंशी शुक्रवार तक आठ दिनों में दुनिया भर में 201.44 करोड़ रुपये का कारोबार कर चुकी थी। यह फिल्म 5 नवंबर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई है। इसी तरह 4 नवंबर को प्रदर्शित रजनीकांत की फिल्म अन्नाथे ने पहले नौ दिनों में 211.44 करोड़ रुपये का कारोबार किया।
भारतीय फिल्म उद्योग ने 2020 में जितनी कमाई (देसी-विदेशी सिनेमाघरों में फिल्मों के प्रदर्शन सहित प्रसारण अधिकार, डिजिटल/ओटीटी अधिकार, विज्ञापन एवं अन्य संबद्ध राजस्व सहित) की थी उसका छह प्रतिशत हिस्सा इन दोनों फिल्मों ने केवल छह दिनों में ही अर्जित कर लिया। रिलायंस एंटरटेनमेंट एवं मीडिया कंपनी आईएमएससी के मौजूदा चेयरमैन एवं मुख्य कार्याधिकारी शिवाशिष सरकार कहते हैं, ‘इन फिल्मों का महत्त्व केवल इसलिए नहीं है कि उन्होंने उम्दा कारोबार किया है बल्कि इससे भी अहम बात यह रही कि दर्शक फिर सिनेमाघरों में लौटने लगे हैं। दर्शकों के मन से यह संशय दूर हो गया है कि उन्हें सिनेमाघरों में फिल्में देखनी चाहिए या नहीं। इससे यह भी पता चलता है कि सामग्री और पटकथा अच्छी रहेगी तो दर्शक फिल्म देखने जरूर आएंगे।’ दीवाली के दौरान ही प्रदर्शित हुई फिल्म ‘एटरनल्स’ भी भारत में कमाई में पीछे नहीं रही और पहले आठ दिनों में 27.33 करोड़ रुपये का कारोबार किया।
फिल्म विश्लेषक मनोबाला विजयाबालन के अनुसार सूर्यवंशी ने पहले आठ दिनों में 127.56 करोड़ रुपये और अन्नाथे ने तमिलनाडु में पहले नौ दिनों में 127.34 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। विजयाबालन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘ये आंकड़े 2019 में प्रदर्शित हुईं फिल्मों ‘बिगिल’, ‘हाउसफुल 4′ आदि के मुकाबले कहीं अधिक हैं। ये मजबूत आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि दर्शक मनोरंजन में पीछे नहीं रहना चाहते हैं और वे इसके लिए भुगतान करने के लिए तैयार रहते हैं। इन दोनों फ्ल्मिों के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए दूसरे फिल्म निर्माता भी अपनी फिल्में रिलीज करने का साहस जुटाएंगे। कोविड-19 महामारी के बाद फिल्म उद्योग में कोहराम मच गया था और फिल्म निर्माता फिल्में प्रदर्शित करने की जहमत नहीं उठा पा रहे थे।’ सिनेमा ओनर्स ऐंड एक्जिबिटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुमानों के अनुसार दीवाली पर प्रदर्शित इन दोनों फिल्मों की सफलता के बाद विभिन्न भारतीय भाषाओं की करीब 400 फिल्मों के प्रदर्शन की तैयारी चल रही है। कोविड महामारी की वजह से 2019 में 1,833 फिल्में प्रदर्शित हुई थीं मगर 2020 में इनकी संख्या कम होकर 2020 में 441 रह गई।
आईनॉक्स लीजर में चीफ प्रोग्रामिंग ऑफिसर राजेंद्र सिंह जयाला कहते हैं, ‘अगस्त से ही फिल्म उद्योग की हालत में सुधार दिखना शुरू हो गया था। उस समय तेलुगू, तमिल, कन्नड़ और पंजाबी फिल्मों का प्रदर्शन हुआ था। हिंदी फिल्म उद्योग के कुल राजस्व में महाराष्ट्र का योगदान करीब 25 प्रतिशत तक होता है मगर वहां कोविड महामारी भयावह होने से कोई भी हिंदी फिल्म रिलीज नहीं हो रही थी।’ अब महाराष्ट्र में सिनेमाघर खुलने के बाद सूर्यवंशी की सफलता के साथ एक बेहतर शुरुआत हुई है।
सरकार ने कहा कि सूर्यवंशी के प्रदर्शन की तैयारी सोच-समझ कर गई थी और इसके प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया गया था, खासकर डिजिटल माध्यमों पर विशेष जोर दिया गया। सरकार कहते हैं, ‘हम यूट्यूब, फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर सहित सहित सभी डिजिटल मंचों पर जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं। इस बार हमने अखबारों के जरिये फिल्मों के प्रचार पर अपनी ऊर्जा खर्च नहीं की है बल्कि समाचार पोर्टल पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।’
एकल पर्दे वाले (सिंगल स्क्रीन) सिनेमाघरों के लिए भी इन दोनों फिल्मों की सफलता राहत लेकर आई है। कोविड से पहले भारत में 9,527 सिनेमाघर थे, जिनमें 6,327 सिंगल स्क्रीन और 3,200 दो या इससे अधिक पर्दे वाले या मल्टीप्लेक्स थे। ईऐंडवाई के एक अनुमान के अनुसार पिछले वर्ष इनमें 1,000 से 1,500 बंद हो गए थे। सिनेमा ओनर्स ऐंड एक्जिबिटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नितिन दातार ने कहा, ‘इन फिल्मों की सफलता एक बड़ी राहत है। हम सभी राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि वे सिनेमाघरों को शत-प्रतिशत क्षमता के साथ परिचालन करने की अनुमति दें।’
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा और झारखंड जैसे बड़े राज्यों में सिनेमाघर 50 प्रतिशत क्षमता के साथ परिचालन कर रहे हैं इसलिए दीवाली पर इन फिल्मों को मिली सफलता और अहम हो जाती है।