नैसडैक में सूचीबद्ध आईटी सेवा कंपनी कॉग्निजेंट ने पूरे साल के लिए अपने राजस्व अनुमान में कटौती करते हुए बाजार को निराश किया है। कॉग्निजेंट इंडिया के कार्यकारी वाइस चेयरमैन और सीएमडी राजेश नांबियार ने शिवानी शिंदे से बातचीत में विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। मुख्य अंश:
आपने राजस्व अनुमान को घटा दिया है जबकि इन्फोसिस ने बढ़ाया है। क्या ग्राहकों की वजह से ऐसा हुआ है?
दूसरी तिमाही का प्रदर्शन हमारे लिए काफी संतुलित रहा। वृद्धि को जाहिर तौर पर डिजिटल से रफ्तार मिली है और हमने 4.9 अरब डॉलर का सर्वाधिक तिमाही राजस्व दर्ज किया जो स्थिर मुद्रा आधार पर 9.5 फीसदी अधिक है। लेकिन सबसे बड़ी बात परिचालन माजिन में सुधार है। परिचालन मार्जिन सालाना आधार पर 50 आधार अंक बढ़कर 15.5 फीसदी हो गया। हमने कहा था कि हम इस साल के अंत तक 20 अरब डॉलर की कंपनी होंगे। इस लिहाज से हम 19.7 से 19.9 अरब डॉलर की कंपनी होंगे। इसमें विलय-अधिग्रहण का हिस्सा भी होगा क्योंकि पिछली दो तिमाहियों के दौरान हमने कोई अधिग्रहण नहीं किया है। वृहद नजरिये से हम खराब होती अर्थव्यवस्था के संभावित प्रभाव पर लगातार नजर रख रहे हैं। जाहिर तौर पर यदि हमारे ग्राहकों को आगे चुनौतियां दिखती हैं तो अंतत: उसका प्रभाव पूरे उद्योग पर पड़ेगा। लेकिन फिलहाल हमें मांग पक्ष में कोई नरमी नहीं दिख रही है।
मांग और बजट के बारे में ग्राहकों से आपको क्या प्रतिक्रिया मिल रही है?
मुझे लगता है कि बातचीत में कोई बदलाव नहीं है और वे नवाचार, बदलाव, आधुनिकीकरण, क्लाउड आधारित स्वचालन, डेटा इंजीनियरिंग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अच्छी बात यह है कि भले ही किसी प्रकार की चुनौतियां हों लेकिन अनुकूलन के लिए प्रौद्योगिकी पर खर्च बरकरार रहेगा। ग्राहकों के परिवेश पर नजर रखना और यह देखना महत्त्वपूर्ण है कि वास्तविक प्रभाव को वे किस प्रकार देखते हैं।
कॉग्निजेंट को पुनर्गठन से क्या फायदा हुआ?
इस संबंध में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी। इसने हमारे मॉडल को काफी सरल बना दिया है। हमारा कामकाज काफी सरल हो गया है और जिसमें आपको एंड-टु-एंड प्रतिबद्धता, दृष्टिकोण से लेकर पेशकश की रूपरेखा एवं दक्षता, विलय के बाद एकीकरण, बिक्री पूर्व समाधान डिलिवरी आदि दिखेंगे। हमने चार एकीकरण की घोषणा की है।
एट्रिशन में फिर तेजी दिख रही है। ऐसे में नियुक्तियों के लिए आपकी क्या योजना है?
हम परिसर के साथ-साथ बाहरी नियुक्तियां भी कर लगातार कर रहे हैं। पिछले साल हमने 33,000 नियुक्तियां की थी। इस साल 50,000 नियुक्तियों का लक्ष्य है।