कालरॉक-जालाना कंसोर्टियम ने जेट एयरवेज के हवाई परिचालन प्रमाण पत्र को सुचारु करने के लिए नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दो महीने का अतिरिक्त समय मांगा है। कंसोर्टियम ने इसके लिए नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में एक आवेदन दायर किया है।
पिछले जून में एनसीएलटी ने जेट एयरवेज को पुनर्जीवित करने के लिए कंसोर्टियम की योजना को हरी झंडी दी थी। शर्तों के अनुसार उस योजना को लागू करने के लिए कंसोर्टियम के पास 270 दिनों का समय है जिसमें हवाई परिचालन प्रमाण पत्र हासिल करना भी शामिल है। इसकी समय सीमा 22 मार्च को खत्म हो रही है और इसलिए कंसोर्टियम ने समय-सीमा में विस्तार की मांग की है।
अपनी मूल योजना के अनुसार, कंसोर्टियम को जून तक छह बोइंग 737 विमानों के साथ जेट एयरवेज का परिचालन सुचारु करना है।
इस मामले से अवगत एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कंसोर्टियम को अधिक समय की आवश्यकता होगी और इसलिए एक आवेदन दायर किया गया है।’ उसमें निगरानी समिति को प्रतिवादी बनाया गया है। इस समिति में जेट एयरवेज के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल और लेनदार शामिल हैं।
कंसोर्टियम ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया। भारी नकदी संकट के कारण अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज का परिचालन बंद कर दिया गया था।
हालांकि जालान-कालरॉक कंसोर्टियम ने यह कहते हुए उड़ान की जांच सहित कुछ प्रक्रिया में छूट देने की मांग की थी कि जेट एयरवेज का परिचालन वित्तीय कारणों से बंद हुआ है न कि तकनीकी अथवा सुरक्षा कारणों से। विमानन नियामक डीजीसीए ने कहा कि विमानन कंपनी को लाइसेंस हासिल करने की सभी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सीएपी 3100 कहा जाता है जिसे निर्धारित हवाई परिवहन सेवा शुरू करने वाले सभी ऑपरेटरों को पूरा करना होता है। इसे विमान के सुरक्षित परिचालन के लिए दिखाने की आवश्यकता होती है। इसके लिए एक सांगठनिक ढांचा स्थापित करने, पायलटों व केबिन क्रू को नियुक्त करने और प्रशिक्षण एवं इंजीनियरिंग इकाई स्थापित करना पड़ता है। एक अधिकारी ने कहा, ‘नियम कहता है कि यदि किसी विमानन कंपनी का लाइसेंस दो साल के लिए निलंबित कर दिया जाता है तो उसे परिचालन सुचारु करने के लिए नए सिरे से सभी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। डीजीसीए ने वही बात कही है।’ जेट एयरवेज का लाइसेंस अथवा परिचालन प्रमाण पत्र फिलहाल निष्क्रीय है।
नियामक की तरफ से अभी परिचालन को लेकर तैयारी की समीक्षा बाकी है। प्रदर्शन के लिए दो पुराने 737 विमानों को शामिल करने का मामला भी देर हो रहा है।
सूत्रों ने कहा कि विमानों की लीजिंग मेंं देरी के चलते प्रक्रिया मेंं देर हुई है। विमानों के लिए मूल योजना के मुताबिक, गिफ्ट सिटी गुजरात के जरिए विमानों को पट्टे पर लिया जाएगा, लेकिन यह महंगा साबित हो रहा है।
एक सूत्र ने कहा, दुर्भाग्य से देसी परिचालक से भारत के भीतर पट्टे के हस्तांतरण की पिछली योजना कामयाब नहींं रही थी क्योंकि यह दुबई व सिंगापुर के मुकाबले महंगा पड़ रहा था। ऐसे में विमान भारत से बाहर ले जाए जाएंगे, उन्हें अपंजीकृत किया जाएगा और फिर जेट एयरवेज को लाइसेंंस का हस्तांतरण किया जाएगा। इससे पूरी प्रक्रिया में देर हो रही है।
