अमेरिकी बाजार में फैली मंदी के असर को कम करने के लिए भारत की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मुहैया कराने वाली प्रमुख कंपनियों जैसे टाटा कंसलटैंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस टेक्नोलॉजिज, सत्यम, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजिज और जेनपेक्ट ने अपने मुख्य कारोबार से अन्य कारोबार के लिए अपनी कम कस ली है।
यहां तक कि एनआईआईटी टेक्नोलॉजिज और एक्सल सर्विसेज अपने दूसरे कारोबारों से होने वाली कमाई का फायदा उठा रही हैं। दोनों कंपनियों को उनके कुल राजस्व का लगभग 20 प्रतिशत से भी अधिक हिस्सा दूसरे कारोबार से प्राप्त हो रहा है।
दूसरे कारोबारों पर ध्यान देने से कंपनियों की अपनी विकास दर को मापने की वही पुरानी सोच, जितने लोग कंपनी में काम करते हैं, उतना ही कंपनी विकास करती है, को दरकिनार कर दिया है। अब कंपनियां अपने ग्राहकों को और भी बेहतर सेवाएं मुहैया करा रही हैं, जिनमें प्लैटफॉर्म आधारित समाधान या बौध्दिक संपदा (आईपी) में निवेश शामिल है। ओर इसका नतीजा सबके सामने है।
30 सितंबर, 2008 को समाप्त हुई दूसरी तिमाही में एनआईआईटी का दूसरे कारोबारों से राजस्व 25 प्रतिशत बढ़ा। एनआईआईटी टेक्नोलॉजिज के मुख्य कार्यकारी अरविंद ठाकुर का कहना है कि हमारा लक्ष्य दूसरे कारोबारों से वित्त वर्ष 09 में 25 प्रतिशत अगले तीन वर्षों में 40 प्रतिशत राजस्व प्राप्त करना है।
ठाकूर का कहना है, ‘हमारी रणनीति आईपी आधारित समाधानों पर ध्यान देते हुए दूसरे कारोबारों में बढ़ने की है और प्लैटफॉर्म की अपनी सोच को हमने 12 महीने पहले शुरू किया था। पिछली तिमाही में दूसरे कारोबारों से 23 प्रतिशत राजस्व मिला और इस तिमाही में यह 25 प्रतिशत के करीब है।’
उदाहरण के लिए टीसीएस को लेते हैं। टीसीएस ने विभिन्न दूसरे कारोबारों के विकल्पों की पहचान कर उनमें निवेश किया है, जिनमें सॉफ्टवेयर उत्पाद, बीपीओ और सॉफ्टवेयर बतौर सेवा (एसएएएस) शामिल है, साथ ही कंपनी ने इकाई-कीमतों वाले करारों पर ध्यान दिया है।
टीसीएस के संचयी राजस्व में से लगभग 2.5 प्रतिशत हिस्सा बीपीओ से प्राप्त होने की उम्मीद है। टीसीएस बुनियादी ढांचागत प्रबंधन सेवाओं में इकाई-कीमतों बीपीओ में काफी सक्रिय है। मैक्वायर के विशलेषकों का अनुमान है कि टीसीएस का आईएमएस राजस्व का एक-पांचवा हिस्सा और उसके भारतीय बीपीओ का 10 प्रतिशत राजस्व इकाई-कीमतों का ही है। टीसीएस के भी कई उत्पादन, जो सभी टीसीएस बीएएनसीएस 1 ब्रांड वाले हैं, उसके संचयी राजस्व में 3.6 प्रतिशत का योगदान देते हैं।
बीपीओ कंपनी एक्सल सर्विसेज 20 प्रतिशत के लगभग राजस्व दूसरे कारोबारों या अलग सेवाओं से मिलने के काफी नजदीक है। अन्य सेवाओं के कारोबार में कंपनी का ध्यान अनुसंधान और विश्लेषक, जोखिम सलाहकार कारोबार, री-इंजीनियरिंग और सलाहकार सेवाओं पर है।
जहां कंपनी को 80 प्रतिशत कमाई आउटसोर्सिंग सेवाओं से होती है, फॉरेस्टर के वरिष्ठ विशेषज्ञ सुदीन आप्टे का कहना है,’ये कंपनियां पूरे कारोबार में रणनीतिक प्रयास कर रही हैं और गैर-रणनीतिक ग्राहकों से या मूल सेवाओं से अलग आईपी सॉल्युशन पर ध्यान देने जैसे कदम उठा रही हैं। मैं देख रहा हूं कि वे आगे बढ़ने के लिए अपनी इकाइयों को बेचने की बजाए आला दर्जे के अधिग्रहण भी कर रही हैं।’
इन्फोसिस बीपीओ का कहना है कि उसका प्लैटफॉर्म बीपीओ वित्त वर्ष 2010 में कंपनी के कुल राजस्व में 25 से 30 प्रतिशत का योगदान दे। इन्फोसिस ने साथ में अपनी आपूर्ति शृंखला प्रबंधन (या प्रोक्योर-टु-पे) सैप के साथ और एचआर प्लैटफॉर्म ओरेक्लपीपल सॉफ्ट के साथ मिल कर लॉन्च किया है। अभी कंपनी को इन कारोबारों से राजस्व मिलना बाकी है।