मुंबई की रियल एस्टेट कंपनी लोक हाउसिंग ऐंड कंस्ट्रक्शन ने पिछले वित्त वर्ष के बहीखातों में दिखाए गए कुल आय और मुनाफे की समीक्षा करने की बात कह निवेशकों के जख्मों पर नमक छिड़क दिया है।
उल्लेखनीय है कि बंबई स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध यह कंपनी पिछले कुछ वर्षों में अपने बहीखातों में दिखाए गए बिक्री और मुनाफे के आंकड़ों में सुधार कर रही है। एक्सचेंज को जारी वक्तव्य में कंपनी ने बताया कि आर्थिक मंदी के चलते कंपनी से बिक्री समझौता करने वाली पार्टियों ने अपने हाथ खींच लिए हैं।
पिछले वित्त वर्ष में बिक्री के संभावित समझौतों को देखते हुए मुनाफा और राजस्व के जो आंकड़े कंपनी ने दिखाए थे, अब उसे संबंधित पार्टियों से सलाह-मशविरा के बाद रद्द कर दिया है।
बहीखातों के हिसाब से कंपनी 225.01 करोड़ रुपये का लाभ और 282.14 करोड़ रुपये की बिक्री को अपने बट्टेखाते में डालेगी। बट्टेखाते में डाला जाने वाला मुनाफा कंपनी के घोषित मुनाफे से काफी कम है।
गौरतलब है कि लोक हाउसिंग ने वित्त वर्ष 2008 में 112.85 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2007 में 91.67 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2006 में 21.86 करोड़ रुपये का मुनाफा दिखाया है। आर्थिक मंदी आ जाने से कंपनी को काफी घाटा उठाना पड़ा। लोक हाउसिंग बहीखातों की समीक्षा के लिए अपने शेयरधारकों से मई में मंजूरी लेगी।