नीति आयोग ने बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) में बीमा और पेंशन फंड द्वारा निवेश की सीमा को सुव्यवस्थित किए जाने का सुझाव दिया है, जिससे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए निवेशकों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सके। राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना (एनएमपी) की दिशानिर्देश में थिंकटैंक ने कहा है, ‘बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की दीर्घावधि प्रकृति के लिए निवेशकों की सक्रिय भागीदारी की जरूरत है, जो अपने निवेश पर इस तरह की रिटर्न प्रोफाइल चाहते हैं।
बहरहाल बीमा और पेंशन फंड के मौजूदा निवेश दिशानिर्देश इस तरह के फंडों का इनविट व रीट (रियल एस्टेट निवेश फंड) संपत्तियों में निवेश की संभावनाएं सीमित करते हैं।’ बीमा फंड के लिए निवेश सीमा इस समय बीमाकर्ता के फंड के आकार के 3 प्रतिशत तक और एकल इनविट/रीट द्वारा जारी यूनिट में 5 प्रतिशत तक सीमित है।
ईपीएफओ के तहत पेंशन फंड का रीट/इनविट में निवेश भी 5 प्रतिशत तक सीमित है। म्युचुअल फंड अपने प्रबंधन के तहत संपत्ति का 10 प्रतिशथ तक एकल इनविट/रीट में निवेश कर सकते हैं। पॉलिसी थिंक टैंक ने कहा है, ‘स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इसे सुव्यवस्थित करने की जरूरत है।’ सरकार अपने 6 लाख करोड़ रुपये के संपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन के लिए निवेशकों का आधार बढ़ाना चाहती है।
नीति आयोग ने यह भी कहा है कि भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के नियम बीमा फंडों को गैर सूचीबद्ध इनविट में निवेश की अनुमति नहीं देते। निवेश दिशानिर्देशों और सीमा को सुव्यवस्थित करने के लिए एक विशेष तरीके का पालन किया जाना चाहिए, जिससे इनविट बाजार में वृद्धि हो सके। इसकी शुरुआत बीमा और पेंशन फंडों को गैर सूचीबद्ध इनविट में निवेश की अनुमति देकर की जा सकती है।
ब्रेस्कॉन ऐंड एलॉयड पार्टनर्स एलएलपी के मैनेजिंग पार्टनर निर्मल गंगवाल ने कहा कि बाजार परिपक्व हो गया है और विसंगतियों को सुव्यवस्थित कर व बीमा व पेंशन फंडों के बोर्डों की निवेश समिति को ज्यादा विवेकाधीन अधिकार दिया जा सकता है, जिससे कि गैर सूचीबद्ध इनविट में निवेश की व्यापक संभावनाएं का लाभ उठाया जा सके।
उन्होंने कहा कि निवेश समिति को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए और नियामकीय प्रतिबंध सीमित होने चाहिए। गंगवाल ने कहा, ‘सरकार को पेंशन और बीमा फंडों द्वारा दीर्घावधि निवेश को प्रोत्साहित करना चाहिए। परियोजना लागू करने की अवधि ज्यादा होने के कारण कुछ अनिश्चितता होने जैसे मामलों में कुछ एकल सुविधा दी जानी चाहिए, जिससे कि इस तरह के दीर्घावधि निवेश की क्रेडिट प्रोफाइल में सुधार हो सके।’