प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया अपने नए टाटा प्रबंधन के तहत अपने बेड़े के लिए 60,800 करोड़ रुपये का बीमा कवर लिया है। इसके लिए उसने टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस सहित बीमा कंपनियों के एक समूह को 266 करोड़ रुपये बतौर प्रीमियम भुगतान किया है। विमानन कंपनी ने बेहतर सौदा हासिल किया है क्योंकि उसने अपने बेड़े के मूल्य को करीब 2 अरब डॉलर घटा दिया है। नई नीति के तहत विमानन कंपनी रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर दोनों देशों के आकाश में उड़ान नहीं भर पाएगी। इस मामले के एक करीबी सूत्र ने कहा कि नया बीमा कवर 1 अप्रैल से प्रभावी हो चुका है और वह विमानन कंपनी के पूर्व स्वामी यानी भारत सरकार द्वारा पिछले वित्त वर्ष में भुगतान किए गए 258 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में विमानन कंपनी ने 76,000 करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) का बीमा कवर लिया था। उस पॉलिसी में दुर्घटना होने की सूरत में यात्री दायित्व को भी शामिल किया गया था। एयर इंडिया के पास 117 विमानों का बेड़ा है जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस के बेड़े में 24 नैरो बॉडी विमान शामिल हैं। टाटा समूह के प्रवक्ता ने बीमा कवर के मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की।
टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस ने पहली बार इस बीमा कवर में 30 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है जबकि उसकी एक मूल कंपनी एआईजी नई पॉलिसी में भी नेतृत्व की भूमिका में है। इसमें न्यू इंडिया एश्योरेंस को सबसे अधिक 40 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि आईसीआईसीआई लोम्बार्ड को इस पॉलिसी में 6 फीसदी हिस्सेदारी मिली है।
भारतीय कंपनियां 95 फीसदी प्रीमियम और जोखिम विदेशी कंपनियों के पाले में डाल देती हैं ताकि किसी भी अनहोनी के समय उनके बहीखाते पर जोखिम का अधिक बोझ न रहे।
