बीएस बातचीत
वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी इन्फोसिस का वित्तीय प्रदर्शन पिछले एक दशक में बेहतरीन रहा। क्लाउड एवं डिजिटल बदलाव से संचालित मांग को हासिल करने के मोर्चे पर कंपनी उद्योग में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज करने में सफल रही। इन्फोसिस के एमडी एवं सीईओ सलिल पारीख ने शिवानी शिंदे से बातचीत में वृद्धि की रफ्तार को बरकरार रखने, अगले चरण की वृद्धि और भारतीय बाजार की चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
इन्फोसिस ने पिछले तीन वर्षों के दौरान अपनी स्थिति सुदृढ़ करते हुए बड़े सौदे हासिल करने की रफ्तार बढ़ाई है। अगले तीन वर्षों के लिए आपकी प्राथमिकता क्या होगी?
आगे चलकर मुख्य मुद्दा यह होगा कि हम ‘वन इन्फोसिस’ के तौर पर कैसे काम करते हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाएगा कि हम जो कर रहे हैं उससे ग्राहकों को डिजिटल बदलाव में मदद मिलेगी। इसकी दिशा हमारे ग्राहकों के लिए प्रासंगिकता से संचालित होती है। इसमें दो चीजें शामिल हैं। पहला, हम स्वचालन को जबरदस्त बढ़ावा देख रहे हैं और हम अपने ग्रहाकों के लिए उन प्रक्रियाओं को रख रहे हैं ताकि उनके पूरे कारोबार की तकनीकी गतिविधियों का ध्यान रखा जा सके और उनके सामने बिल्कुल स्पष्ट तस्वीर पेश की जा सके। इन्फोसिस स्वचालन को ग्राहकों तक लाने में अग्रणी रही है। दूसरा, ग्राहक डिजिटल बदलाव को रफ्तार देने के लिए स्वचालन द्वारा संचालित कुशलताओं का भी फायदा उठाने के बारे में सोच रहे हैं क्योंकि वे ग्राहकों, कर्मचारियों और पूरे परिवेश से जुडऩा चाहते हैं। ऐसा विभिन्न उद्योगों में हो रहा है। यह सब क्लाउड के जरिये हो रहा है और पिछले साल हमने कोबाल्ड को लॉन्च किया था। यह सार्वजनिक-निजी क्लाउड, हाइब्रिड, एसएएएस, उद्योग, बुनियादी ढांचा कंपनियां आदि के बीच उद्योग का अग्रणी क्लाउड समर्थ प्लेटफॉर्म है।
ग्राहकों के लिए इन बदलावों का इन्फोसिस के लिए क्या मायने हैं?
कोबाल्ट जैसे प्लेटफॉर्म को तैयार करने के लिए हमें सबकुछ साथ लाना पड़ा है। मैं समझता हूं कि ‘वन इन्फोसिस’ इस प्रकार के तमाम नवाचारों को सामने लाएगा। इंफोसिस से ऐसी कई सोच और नवाचार सामने आएंगे।
पिछली तीन से चार तिमाहियों के दौरान डिजिटल बदलाव के लिए मांग जबरदस्त रही। क्या यह आगे भी बरकरार रहेगी?
तकनीक का दायरा व्यापक हो रहा है। आज हम जो देख रहे हैं वह महज एक लहर नहीं है लेकिन अब सबकुछ तकनीक से संचालित हो रहा है। हम वैश्विक संदर्भ में इस डिजिटल लहर के बिल्कुल शुरुआती चक्र में हैं। कोई भी आंकड़ा लें, डिजिटल तरीके से काम करने का प्रतिशत बढ़ता दिखेगा लेकिन वह अभी भी अपनी प्रासंगिकता सुनिश्चित कर रहा है। मध्यवावधि और दीर्घकालिक वृद्धि के लिहाज से यह काफी आकर्षक होता जा रहा है। विशेष तौर पर इन्फोसिस में कोबाल्ट जैसे नवोन्मेषी प्लेटफॉर्म के जरिये ग्राहकों के साथ मौजूदा रफ्तार को बरकरार रख सकते हैं। हम डेटा एनालिटिक्स में भी कुछ ऐसा ही करने जा रहे हैं। हम एआई, स्वचालन आदि में काफी दमदार हैं। तकनीकी विकास का विविध लाभ उठाने के लिए नवाचार महत्त्वपूर्ण होगा।
इन्फोसिस जब कोबाल्ट जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म बना रहा है तो विलय-अधिग्रहण कितना महत्त्वपूर्ण होगा?
यह सबका मेल होगा। आंतरिक तौर पर हमने एक डिजिटल पेंटागन बनाया है जो डिजिटल कारोबार में बाजार की खाली जगह को मैप करता है। हम कई परिसंपत्तियों का अधिग्रहण देखेंगे लेकिन केवल अधिग्रहण ही महत्त्वपूर्ण नहीं है। हमें इन्फोसिस में इन सब को एकीकृत करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कंपनी ग्राहकों की चाहत के अनुरूप काम करती है। कोबाल्ट के जरिये हमने कई बिखरी हुई चीजों को एकजुट किया है और यही कारण है कि हमें कुछ सफलता दिख रही है।
मांग और आपूर्ति में फिलहाल कितना अंतर है?
हम विभिन्न परिसरों से फ्रेशर की नियुक्तियां बढ़ा रहे हैं। पहली तिमाही में हमने 8,000 लोगों को नियुक्त किया क्योंकि हमारे पास इन्फोसिस में शामिल होने वालों के लिए एक बहुत ही आकर्षक प्रस्ताव है। यह कोई चिंता की बात नहीं है और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं।
