सिंगुर में टाटा मोटर्स को बाय-बाय कहना पश्चिम बंगाल के लिए खासा महंगा पड़ सकता है क्योंकि इसकी वजह से कई दूसरी कंपनियां भी राज्य में अपनी निवेश योजनाओं पर दोबारा विचार कर रही हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी आईटी क्षेत्र की दिग्गज इन्फोसिस टेक्नोलॉजिज ने भी साफ कर दिया है कि वह पश्चिम बंगाल में अपनी निवेश योजनाओं की एक बार फिर समीक्षा करेगी।
इन्फोसिस के निदेशक मंडल के सदस्य मोहनदास पई ने कहा कि नैनो के निर्माण का काम ठप होने और टाटा मोटर्स को सिंगुर से निराशा हाथ लगने के बाद उनकी कंपनी भी चौकन्नी हो गई है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अभी इस बारे में कोई ठोस फैसला लिया जाना बाकी है।
पई ने भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ कंपनी के समूह बीमा करार के बाद कहा, ‘हमने इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है। मैंने कहा कि हम निवेश योजना को दोबारा देखेंगे और एक बार फिर उसके बारे में सोचेंगे क्योंकि हम भी अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर खासे चिंतित हैं।’
उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने इन्फोसिस से बात की थी और शीर्ष नेतृत्व को यह भरोसा दिलाया था कि सरकार उन्हें पूरा समर्थन और सहयोग देगी। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री की बात भरोसा बढ़ाने वाली थी। हमें खुशी है कि मुख्यमंत्री ने इन्फोसिस से बात की और हमारा समर्थन किया। हम अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और कारोबारी इजाफे के लिए स्थायित्व चाहते हैं और हमें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में हालात सुधर जाएंगे।’
इन्फोसिस कोलकाता के बाहरी इलाके में अपना विकास केंद्र खोलने पर 250 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है। इसमें लगभग 5,000 लोगों को रोजगार मिल जाएगा। मौजूदा आर्थिक तस्वीर के बारे में बात करते हुए पई ने कहा कि तेल की कीमत घटकर 105 डॉलर प्रति बैरल तक आ गई है और इससे आर्थिक विकास की रफ्तार और बढ़ जाएगी।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी वित्त मंत्रालय ने मॉर्गेज फर्म फ्रेडी मैक और फैनी माई को अपने दायरे में ले लिया है, जिसकी वजह से हालात अब सुधरने ही चाहिए। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान इन्फोसिस तकरीबन 25,000 लोगों को रोजगार देगी।
कंपनी की भारतीय कारोबार इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद एच आर ने कहा कि कंपनी सार्वजनिक क्षेत्र के अहम आउटसोर्सिंग सौदों के लिए भी बोली लगाएगी। इनमें बीएसएनएल, रेलवे और वित्त मंत्रालय का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अहम है।