भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजिज जापान और यूरोप में अधिग्रहण करने की योजना बना रही है।
कंपनी यह अधिग्रहण कंसल्टिंग, सैप और बीपीओ क्षेत्र की कंपनियों का करेगी। कंपनी ने इसके लिए 60-70 करोड़ डॉलर तक की कंपनी खरीदने का फैसला किया है। इन्फोसिस के मुख्य कार्यकारी कृष गोपालकृष्णन ने बताया, ‘कंपनी की कीमत और मूल्यांकन से ज्यादा यह बात महत्वपूर्ण है कि वह कंपनी हमारे कारोबार को बढ़ने में कितनी मदद करती है।’
कंपनी नई कंपनियों का अधिग्रहण कर रही हैं। कृष ने बताया, ‘हम चीन, मैक्सिको और पूर्वी यूरोप में कंपनियों का अधिग्रहण भी करेंगे।’ छंटनी के मामले पर कंपनी ने बताया कि वह कर्मचारियों की छंटनी नहीं कर रही है।
बल्कि कंपनी शिक्षा, प्रशिक्षण और विकास एवं शोध में निवेश कर रही है। कृष ने बताया, ‘हमने वेतन में भी कटौती नहीं की है। हमारी बेंच स्ट्रैंथ भी अच्छी खासी है, लेकिन यह हमारे लिए कोई समस्या नहीं है। हम ऐसे चुनौतीपूर्ण हालात को प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण देने के लिए अच्छा समय मानते है।’
आईटी कंपनी अपने प्रशिक्षुओं को सैप संबंधित कार्यों के लिए प्रशिक्षण दे रही है। कंपनी मानती है कि आने वाले समय में सैप का कारोबार काफी अच्छा होगा। इसीलिए कंपनी इस क्षेत्र के लिए ज्यादा से ज्यादा नियुक्तियां कर रही है। इन्फोसिस पहले ही कह चुकी है कि वे नई नियुक्तियों की अपनी नीति पर बरकरार रहेगी। कंपनी ने अगले साल 18,000 नियुक्तियां करने की घोषणा कर चुकी है।
कंपनी अपने कर्मचारियों को सामाजिक सेवा से जुड़े कार्यो के लिए एक साल के स्वैच्छिक अवकाश पर जाने को कहा है। इस दौरान इन कर्मचारियों को आधा वेतन दिया जाएगा। 30 सितंबर 2008 को समाप्त हुई तिमाही में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 1 लाख का आंकड़ा पार कर गई थी।
लागत कम करने की बात पर इन्फोसिस ने बताया कि कंपनी कर्मचारियों के मनोरंजन और यात्राओं पर होने वाले खर्च में कटौती कर सकती है। मंदी के बाद भी कंपनी अपने विस्तार के लिए निवेश, बिक्री और मार्केटिंग पर होने वाले खर्च में कोई क मी नहीं कर रही है। हालांकि डॉलर और रुपये की कीमतों में हो रही हलचल का असर आने वाली तिमाही में कंपनी के कारोबार पर पड़ सकता है।
कृष ने बताया, ‘जाहिर तौर पर इसका असर कंपनी के कारोबार पर पड़ेगा, लेकिन कितना यह कह पाना अभी मुश्किल है। कंपनी कुछ विभागों के बजट में कटौती कर सकती है। लेकिन ऑफशोरिंग में निवेश में कटौती नहीं की जाएगी। नुकसान से बचने के लिए कंपनी ने फुल ईयर गाइडेंस को घटाकर 13.1 फीसद कर दिया है।’
कंपनी ने अधिग्रहण के लिए 60-70 करोड़ डॉलर तक की कंपनी खरीदने का फैसला किया है
नुकसान से बचने के लिए कंपनी ने फुल ईयर गाइडेंस को घटाकर 13.1 फीसद कर दिया है