भारतीय उद्योग जगत की प्रशासनिक प्रणालियों में 2021 में सुधार दर्ज किया गया, भले ही कोविड-19 संकट के बाद समस्याओं का सामना करना पड़ा था। इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवायजरी सर्विसेज (आईआईएएस) द्वारा कराए गए अध्ययन में कहा गया कि बीएसई-100 श्रेणी के लिए शुरुआती कंपनियों का प्रशासनिक सुधार संबंधित आंकड़ा वर्ष 2020 के 61 से मामूली सुधरकर 2021 में 62 पर दर्ज किया गया।
आईआईएएस ने बीएसई 100 सूचकांक घटकों के कॉरपोरेट प्रशासनिक स्कोर का अपने आकलन का छठा संस्करण जारी किया है। करीब 67 प्रतिशत बाजार पूंजीकरण में बीएसई 100 कंपनियों का योगदान रहा, और इन आकलन के परिणाम बाजार प्रणालियों का उचित प्रतिनिधित्व करते हैं। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि कोरोनावायरस संकट के बावजूद, कॉरपोरेट भारत ने अपनी प्रशासनिक प्रणालियों में सुधार की रफ्तार बरकरार रखी, क्योंकि उसे मुख्य तौर पर बेहतर खुलासा मानकों से मदद मिली।
ध्यान देने की बात यह है कि 20 कंपनियां ‘लीडरशिप’ श्रेणी में शामिल रहीं, जबकि 2020 में यह संख्या 11 और 2019 में 6 थी। इन कंपनियों में एयरटेल, सिप्ला, एचडीएफसी लाइफ, मैरिको, टाटा मोटर्स मुख्य रूप से शामिल थीं।
आईआईएएस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी अमित टंडन ने कहा, ‘इस रिपोर्ट से पता चलता है कि ज्यादातर कंपनियों ने महामारी के वर्षों के दौरान भी प्रशासनिक प्रणालियों में सुधार बरकरार रखा। कंपनियों के बोर्ड कॉरपोरेट प्रशासनिक एजेंडा बनाने के लिए जिम्मेदार हैं, यही वजह है कि निदेशक मंडल का निर्माण और ढांचा काफी महत्वपूर्ण है।’ भारतीय कॉरपोरेट के प्रशासनिक स्कोरकार्ड का ढांचा 2015 और 2016 के दौरान अंतर्राष्टï्रीय वित्त निगम (आईएफसी) और बीएसई तथा आईआईएएस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया था। यह स्कोरकार्ड व्यापक तौर पर कॉरपोरेट प्रशासन के जी20/ओईसीडी सिद्घांतों द्वारा स्वीकृत है।
