सोनी कॉरपोरेशन पहले घोषणा कर चुकी है कि वह ब्रिक देशों (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) से होने वाली आमदनी दोगुनी करेगी। मतलब यह कि 2011 तक कंपनी की आमदनी बढ़ाकर 18.6 अरब डॉलर कर दी जाएगी।
सोनी इंडिया के प्रबंध निदेशक मसारू तमागावा का तो मानना है कि आर्थिक मंदी के इस दौर में घोषित लक्ष्य को पाने में भारत की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने सुवि डोगरा से कंपनी की योजनाओं के बारे में बात की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश :
ब्रिक देशों से सोनी की जो अपेक्षाएं हैं, उसमें भारत का योगदान क्या होगा?
निर्यात पर चीन की निर्भरता बहुत ज्यादा है। ज्यादातर निर्यात अमेरिका को होते हैं। खराब आर्थिक हालात के चलते वहां से निर्यात में जोरदार कमी हुई। दूसरी ओर, ब्राजील की हालत भी अच्छी नहीं है। रूस को लें तो धन की किल्लत से यहां का आर्थिक माहौल चुनौतीपूर्ण हो गया है। हालांकि, भारत पर मंदी का असर कम ही पड़ा है।
ब्रिक के दूसरे देशों की तुलना में इसकी आर्थिक सेहत अच्छी है। जहां तक कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की बात है तो इसकी विकास दर पिछले साल की तुलना में कम रहने का अनुमान है। भारत का बाजार अभी भी तरक्की कर रहा है।
देश में सोनी का कारोबार कैसा रहा है?
2008 में अप्रैल से दिसंबर तक सोनी की कुल बिक्री 25 फीसदी बढ़कर 2,830 करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी की कुल बिक्री 2,264 करोड़ रुपये रही थी।
2009 के लिए कंपनी की रणनीति में कोई परिवर्तन?
अगले वित्त वर्ष (2009-10) के लिए अब तक हमने कोई रणनीति नहीं बनाई है। अगले साल हमारा फोकस ब्रेविया एलसीडी, वाइयो लैपटॉप और साइबर शॉट डिजीटल कैमरा पर रहेगा। हमारा मानना है कि डिजीटल श्रेणी अभी भी तरक्की करेगी। मंदी का असर परंपरागत चीजों पर ही है।
सौभाग्य से हमारी कंपनी जिस क्षेत्र में है, उस पर मंदी का कम ही असर हुआ है। हम होम थिएटर, एमपी3 वाकमैन और प्लेस्टेशन को भी बढ़ावा देंगे। आकर्षक उत्पाद और प्रभावी मार्केटिंग के जरिए इन क्षेत्रों को आगे बढ़ाने की सोनी की योजना है। सोनी के स्टोरों की गुणवत्ता बढ़ाने की भी कोशिश कर रहे हैं।
कीमतों के बारे में कंपनी की क्या सोच है?
साल की शुरुआत में येन में मजबूती और बाद में रुपये के अवमूल्यन का आयात लागत पर दोहरा असर पड़ा। लेकिन अब तक हमने अपने उत्पादों की कीमतें नहीं बढ़ाई।
सोनी के लिए ग्रामीण बाजार कितना महत्वपूर्ण है?
नहीं, हमारे लिए ग्रामीण इलाके कतई महत्वपूर्ण नहीं हैं। हमारा फोकस आगे भी महानगरों और प्रथम और दूसरे श्रेणी के शहरों पर ही रहेगा। 5 लाख या उससे अधिक कमाने वाले लोगों पर ही हमारी नजर होगी।
सोनी पूरी दुनिया में नौकरियों में कटौती कर रही है? भारत के बारे में सोनी की क्या योजना है?
भारत का बाजार तरक्की कर रहा है। यहां नौकरियों में कटौती की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि इस साल हम ज्यादा लोगों को नौकरियां नहीं देगें।
