दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी मर्सिडीज-बेंज भारत में इंजन, गियर बॉक्स और अन्य कलपुर्जों के निर्माण के लिए एक संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है।
जर्मनी की यह कंपनी इस संयंत्र पर 2500 करोड़ रुपये से 3000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश करने पर विचार कर रही है। वैसे अभी कंपनी ने भारत में संयंत्र लगाने की अपनी योजना को अमली जामा नहीं पहनाया है। भारत में निर्माण पर आने वाली कम लागत को देख कर कंपनी यहां संयंत्र लगाने वाली है।
मर्सिडीज-बेंज बस के कारोबार प्रमुख हेराल्ड लैंडमैन ने पुणे में कंपनी की इंटरसिटी लक्जरी बस पेश करने के बाद यह जानकारी दी। जालंधर में सतलज मोटर्स के संयंत्र में बनाई जाने वाली ये बसें वोल्वो को कड़ी टक्कर देंगी। यह लक्जरी बस 80 लाख रुपये की है।
लैंडमैन ने कहा, ‘हम अभी यह नहीं बता सकते कि भारत में बस का पूरा निर्माण कार्य कब शुरू होगा। इसमें इंजन और गियर बॉक्स का निर्माण प्रमुख रूप से शामिल होगा। हम अगले तीन से पांच वर्ष में एक निर्माण संयंत्र लगाने पर विचार कर रहे हैं।’ लेकिन लैंडमैन ने उस स्थान का जिक्र नहीं किया जहां यह संयंत्र लगाया जाना है।
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘मर्सिडीज पुणे के पास चाकन में अपना नया संयंत्र लगा रही है और बसों के निर्माण के लिए संयंत्र भी इसी क्षेत्र में लगाए जाने की संभावना है। चूंकि पुणे में वाहन कलपुर्जा उद्योग मौजूद है, इसलिए यह संयंत्र इसी क्षेत्र में लगाया जाएगा।’
कंपनी 2,500 करोड़ रुपये की इस परियोजना का ठोस खाका बनाने के बाद मंजूरी के लिए महाराष्ट्र सरकार से संपर्क करेगी। उन्होंने कहा, ‘हम इस निर्माण संयंत्र को लगाने के लिए अन्य राज्यों पर भी विचार कर सकते हैं।’
बाजार में उतारी गई बस के लिए कारोबारी योजना का खुलासा करते हुए लैंडमैन ने कहा, ‘वैश्विक लक्जरी बस बाजार में मर्सिडीज-बेंज की 17 फीसदी बाजार भागीदारी है। हमने पुणे संयंत्र में विकसित किए गए अपने अत्याधुनिक ओ500 आरआरएफ शैसि पर नई बस तैयार की है।
हालांकि अधिकांश कलपुर्जे ब्राजील के संयंत्र से आयात किए जा रहे हैं। इन बसों की बॉडी का निर्माण सतलज मोटर्स के साथ हुए एक करार के तहत जालंधर में किया जाएगा।’ भारतीय लक्जरी बस बाजार के बारे में पूछे जाने पर मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक डॉ. विलफ्रीड औल्बुर ने कहा, ‘भारत में लक्जरी बस बाजार तेजी से फल-फूल रहा है। वोल्वो अब तक ऐसी एकमात्र कंपनी है जिसने भारत में पिछले साल तकरीबन 350 बसें बेची थीं। हमारी योजना एक साल के अंदर एक बड़ी बाजार भागीदारी हासिल करने की है।’