अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को कहा कि भारत और अमेरिका को तापमान परिवर्तन, सेमीकंडक्टर उत्पादन, रक्षा और साइबर सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। मुंबई में यूएसआईबीसी ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड प्राप्त करने वाले अदाणी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच भागीदारी सदी की बेहद निर्णायक साझेदारियों में से एक होगी। इस अवसर पर अपने भाषण में अदाणी ने कहा, ‘भारत-अमेरिका संबंध को मजबूत बनाए जाने के लिए पारस्परिक सहयोग बेहद जरूरी है। नई संभावनाओं का आधार तैयार करने के लिए दोनों देशों को मुक्त व्यापार, निष्पक्षता, और एक-दूसरे की अर्थव्यवस्थाओं के समेकन पर जोर देना जरूरी है।’
विकासशील देशों को सहायता देने वाले विकसित देशों के बारे में बात की गई, लेकिन खासकर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अधिक प्रयास किए जाएंगे। अदाणी ने कहा, ‘तापमान परिवर्तन समान रूप से जरूरी है और यह अगले कई दशकों के दौरान बेहद लाभकारी व्यवसायों में से एक हो सकता है। अमेरिकी तापमान विधेयक को कानून बनाए जाने पर हस्ताक्षर के साथ हम दोनों देशों को इस प्रयास से बड़े पैमाने पर लाभान्वित होने के लिए एक व्यवस्था तलाशनी होगी। सरकारों ने अपने प्रयास किए हैं, अब व्यवसायियों को सहयोग के लिए रास्ते तलाशने का कार्य करने की जरूरत है।’ अदाणी समूह ने पर्यावरण-अनुकूल परियोजनाओं में 70 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।
उन्होंने कहा, ‘इससे हम भारत में तीन बड़ी फैक्टरियों का निर्माण देखेंगे, जिससे दुनिया की बेहद समेकित ग्रीन-एनर्जी वैल्यू चेन में से एक को बढ़ावा मिलेगा। यह पॉलिसिलीकन से सोलर मॉड्यूल, विंड टर्बाइंस के संपूर्ण निर्माण, और हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर के निर्माण की दिशा में बदलाव होगा। इसके परिणामस्वरूप, हम अतिरिक्त 45 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा तैयार करेंगे और अपनी मौजूदा 20 गीगावॉट क्षमता का विस्तार करेंगे। यह सब क्षमता निर्माण वर्ष 2030 से पहले पूरा किया जाएगा। यह वैल्यू चेन पूरी तरह स्वदेसी होगी और हमारे देश की भूराजनीतिक जरूरत के अनुरूप होगी।’ अदाणी ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध ने स्वदेसी तौर पर सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए भारत की जरूरत को बढ़ाया है।