कोविड वैश्विक महामारी ने ऑनलाइन चैनलों के जरिये एफएमसीजी उत्पादों की बिक्री की रफ्तार बढ़ा दी है। यही कारण है कि ई-कॉमर्स चैनलों के जरिये बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले 18 महीनों के दौरान अधिकतर कंपनियों कुल बिक्री में ई-कॉमर्स चैनलों की हिस्सेदारी बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है। हालांकि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए सरकार की मसौदा नीति ने उपभोक्ता कंपनियों पर बदलाव को स्वीकार करने का दबाव भी बनाया है।
जहां तक डाबर इंडिया का सवाल है तो शहरी घरेलू बाजार में ई-कॉमर्स चैनल से उसकी बिक्री को लगातार रफ्तार मिल रही है। कंपनी के कुल पोर्टफोलियो में ऑनलाइन बिक्री का योगदान बढ़कर 6 फीसदी हो चुका है जो वैश्विक महामारी से पहले महज 1.5 फीसदी था।
डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘कोविड के बाद की दुनिया में ई-कॉमर्स उपभोक्ताओं के बीच संपर्क रहित खरीदारी के लिए सबसे पसंदीदा माध्यम के तौर पर उभरा है। इस प्रवृत्ति को फिलहाल बरकरार रहने के आसार हैं।’
हालांकि मल्होत्रा ने कहा कि दूसरी तिमाही के दौरान ई-कॉमर्स चैनल की वृद्धि रफ्तार थोड़ी सुस्त पड़ी है क्योंकि कारोबारी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए सरकार की मसौदा नीति के अनुरूप खुद को दुरुस्त कर रहे हैं। जुलाई से सितंबर की अवधि में कंपनी ई-कॉमर्स बिक्री में 11 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
डाबर ने डाबर ऐपल साइडर वेनेगर, डाबर बेबी रेंज ऑफ प्रोडक्ट्स, हिमालयन शहद, ऑर्गेनिक शहद, कोल्ड प्रेस्ड सरसों तेल, 100 प्रतिशत शुद्ध गाय घी, वाटिका चुनिंदा शैंपू, बेबी डायपर और वाटिका ब्रांड के तहत फेश वॉश जैसे उत्पादों को केवल ऑनलाइन चैनलों पर उतारा है। डाबर इंडिया ई-कॉमर्स चैनल का उपयोग अपने कई नए फॉर्मेट को लॉन्च करने, उसका दायरा बढ़ाने और फिर उन्हें अन्य चैनलों पर भेजने लिए भी करेगी।
बिस्कुट बनाने वाली प्रमुख कंपनी पारले प्रोडक्ट्स और चेन्नई की प्रमुख पर्सनल केयर कंपनी केविनकेयर ने ऑनलाइन बिक्री में वृद्धि के मद्देनजर अलग-अलग टीम बनाई है। हाइड ऐंड सीक बिस्कुट बनाने वाली कंपनी ने अपनी ऑनलाइन बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है जो वैश्विक महामारी से पहले 0.6 फीसदी से बढ़कर 2.5 फीसदी हो गई। केविनकेयर के कुल राजस्व में ऑनलाइन चैनलों का योगदान बढ़कर 4 से 5 फीसदी हो गया जो वैश्विक महामारी से पहले करीब 2 फीसदी रहा था।
केविनकेयर के सीईओ वेंकटेश विजयराघवन ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमने वैश्विक महामारी के दौरान अपनी वस्तुओं की ऑनलाइन बिक्री को संभालने के लिए एक अलग इकाई की स्थापना की थी क्योंकि यह एक ऐसा चैनल है जो 100 फीसदी दर से बढ़ रहा है।’ उन्होंने कहा कि मसौदा ई-कॉमर्स नीति के मानदंडों के कारण कंपनियां सीधे ई-कॉमर्स कंपनियों से ऑर्डर ले रही हैं और पहले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को बेचने के बजाय ऑर्डर को सीधे अपने स्तर से पूरा कर रही हैं। केविनकेयर ऐसा कर रही है ताकि नई मसौदा नीति के बावजूद कंपनी की ई-कॉमर्स वृद्धि दर बरकरार रहे।
इससे पहले कंपनियों को अपने उत्पादों की बिक्री पहले क्लाउडटेल जैसी कंपनियों को करनी पड़ती थी। बाद में क्लाउडटेल जैसी कंपनियां उन उत्पादों की बिक्री ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर करती थीं।
मैरिको ने निवेशकों से बातचीत में कहा था कि ई-कॉमर्स चैनलों के जरिये बिक्री में हुई जबरदस्त वृद्धि की रफ्तार थोड़ी सुस्त पड़ गई है क्योंकि मांग आधुनिक व्यापार की ओर रुख कर रही है जो सुधार का एक संकेत है। ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के एमडी वरुण बेरी ने कहा, ‘नई मसौदा नीति के लागू होने के बाद ई-कॉमर्स कारोबार में कोई वास्तविक बदलाव नहीं आएगा। मैं समझता हूं कि पैकेटबंद फूड कारोबार में कोई बदलाव नहींं आएगा।’
एचयूएल ने भी दूसरी तिमाही के नतीजे के बाद विश्लेषकों से बातचीत में कहा था कि करीब 15 फीसदी मांग को अब डिजिटल माध्यम से हासिल किया जाता है।
