रियल्टी कंपनी डीएलएफ ने कहा कि आयकर अधिकारियों द्वारा वित्त वर्ष 2005-06 की आय के संबंध में किए गए विशेष लेखा परीक्षण के मद्देनजर कंपनी से 300 से 400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर देने को कहा गया है।
गौरतलब है कि आयकर विभाग ने दिसंबर 2008 में आयकर विभाग की ओर से रीयल्टी कंपनी डीएलएफ के 2005-06 के वित्तीय आंकड़ों के विशेष लेखा परीक्षण का आदेश दिया था। उसी परीक्षण के तहत आयकर विभाग की ओर से कंपनी को अतिरिक्त कर चुकाने को कहा गया है।
डीएलएफ ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि कंपनी की ओर से पीओसीएम विधि के तहत वित्त वर्ष 2006 के लिए आय और मुनाफे की गणना की गई थी। दरअसल, ऐसा इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड अकउंटेंट्स ऑफ इंडिया की ओर से सभी रियल्टी और कंस्ट्रक्शन कंपनियों के लिए करना अनिवार्य था।
हालांकि विशेष लेखा रिपोर्ट में कंपनी के 1,200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय का आकलन किया है। कंपनी ने कहा कि आईपीओ लाने के समय उसने सेबी को सूचित किया था कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2006 में 1242 करोड़ रुपये की कमाई की है, जबकि उसका मुनाफा 359.5 करोड़ रुपये था।
डीएलएफ ने आयकर विभाग के समीक्षा रिपोर्ट के खिलाफ अपीलीय विभाग के पास गई है। वैसे कंपनी का कहना है कि यदि अपीलीय विभाग आयकर विभाग के उक्त आदेश को नहीं बदलता है, तो डीएलएफ को 300 से 400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर चुकाना होगा।
