भारत में एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाली स्टार्टअप (यूनिकॉर्न) का आंकड़ा सौ के पार पहुंच गया है। स्टार्टअप और यूनिकॉर्न पर नजर रखने वाली इकाई इंक 42 के अनुसार वित्त तकनीक खंड की स्टार्टअप इकाई ‘ओपन’ 100वीं यूनिकॉर्न बनी है। मोबाइल विज्ञापन कंपनी इनमोबी यूनिकॉर्न होने का दर्जा हासिल करने वाली पहली भारतीय स्टार्टअप थी। उसने 2011 में यह कारनामा किया था। देश में यूनिकार्न का शतक लगने की खुशी स्टार्टअप के साथ ही सत्ता के गलियारों में भी दिखी। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, ‘भारत ने अपने अनोखे अंदाज में यूनिकॉर्न इकाइयों का शतक पूरा किया है। भारत का मतलब है नया विचार, नवाचार और निवेश।’
सिकोया इंडिया के प्रबंध निदेशक राजन आनंदन ने कहा कि देश के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, ‘देश में पहली यूनिकॉर्न 2011 में सामने आई थी। अब 11 साल बाद भारत 100वीं भारतीय यूनिकॉर्न का स्वागत कर रहा है।’
इंक42 ने कहा कि इन सभी यूनिकॉर्न ने 333 अरब डॉलर मूल्यांकन पर 90 अरब डॉलर रकम जुटाई है। इनमें फ्लिपकार्ट और बैजूस का मूल्यांकन सर्वाधिक आंका गया है। हालांकि एक महीने बाद 100वीं यूनिकॉर्न का आगाज रकम जुटाने के लिहाज से बिना किसी बड़ी घोषणा के हो रहा है। 2021 से यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने वाली स्टार्टअप इकाइयों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वेंचर इंटेलिजेंस के अनुसार 2021 में हर महीने कम से कम 3-4 स्टार्टअप यूनिकॉर्न की जमात में शामिल हुईं, जिससे इनकी संख्या बढ़कर 33 हो गई।
जहां तक पूंजी जुटाने की बात है तो 2021 में कुल 1,579 सौदों के माध्यम से 42 अरब डॉलर रकम जुटाई गई। आयरन पिलर फंड के अनुसार यूनिकॉर्न की संख्या अब तेजी से बढ़ रही है और इनमें आधी को तो यह उपलब्धि हासिल करने में पांच वर्षों से भी कम का समय लगा। इनमें करीब 8 प्रतिशत स्टार्टअप साढ़े सात साल से भी कम समय में यूनिकॉर्न बन गईं। देश की 100वीं स्टार्टअप इकाई होने की उपलब्धि हासिल करने वाली वित्त-तकनीक क्षेत्र की इकाई ओपन ने आईआईएफएल सहित मौजूदा निवेशकों टेमासेक, टाइगर ग्लोबल और 3वन4 कैपिटल से 5 करोड़ डॉलर रकम जुटाई है।
