चटर्जी गु्रप (टीसीजी) की प्रमुख कंपनी हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एचपीएल) ने अंतरराष्ट्रीय भागीदार रोन कैपिटल के साथ मिलकर मैकडरमॉट इंटरनैशनल से अमेरिका की ल्यूमस टेक्नोलॉजी का करीब 20,590 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है। इस संयुक्त अधिग्रहण में, एचपीएल का हिस्सा 57 फीसदी होगा, बाकी हिस्सेदारी रोन कैपिटल की होगी। नई व्यवस्था के तहत ल्यूमस टेक्नोलॉजी एक प्रमुख स्वायत्त इकाई के तौर पर काम करेगी। यह सौदा मंगलवार को हुआ। ल्यूमस टेक्नोलॉजी रिफाइनिंग, पेट्रो रसायन, गैस प्रसंस्करण और कोयला गैसीफिकेशन क्षेत्रों की लाइसेंसधारक है और साथ ही वह प्रॉपराइटरी कैटालिस्ट, उपकरण और संबंधित इंजीनियरिंग सेवाओं की आपूर्तिकर्ता भी है। इसकी करीब 130 लाइसेंसप्राप्त प्रौद्योगिकियां हैं और 3,400 से ज्यादा पेटेंट और ट्रेडमार्क हैं।
टीसीजी के संस्थापक चेयरमैन पूर्णेन्दु चटर्जी ने कहा, ‘हमारा निवेश रणनीतिक के साथ साथ दीर्घावधि लक्ष्य से भी जुड़ा हुआ है और इनमें से ज्यादातर निवेश 25 से 30 साल के हैं। हमने खासकर ज्ञान-आधारित उद्यमों पर ध्यान केंद्रित किया है और ल्यूमस हमारे पोर्टफोलियो के लिए प्रमुख उपलब्धि है। नवाचार पर केंद्रित यह कंपनी मैटेरियल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ग्राहकों को निरंतर वैल्यू की पेशकश करती है।’ चटर्जी ने कहा, ‘ल्यूमस का लंबे समय से ग्राहक होने की वजह से एचपीएल उद्योग के लाभ के लिए नवाचारों के विकास में अपना ग्राहक अनुभव साझा कर सकती है और ल्यूमस के साथ सहभागिता कर सकती है।’ एचपीएल पश्चिम बंगाल के हल्दिया में अपनी निर्माण इकाई के साथ देश में सबसे बड़ी पेट्रो रसायन कंपनियों में से एक है। इसकी कुल क्षमता 7,00,000 टीपीए एथिलीन की है। इस नए सौदे के साथ, ल्यूमस और एचपीएल भारत और विदेश में ल्यूमस के ग्राहकों के लिए मूल्यवान पेशकश मुहैया कराने की मजबूत स्थिति में होंगी। ल्यूमस में यह बिक्री मैकडर्मोट की पुनर्गठन प्रक्रिया का हिस्सा है। ल्यूमस टेक्नोलॉजी के प्रमुख लियोन डी ब्रूइन ने कहा, ‘हमारे ग्राहकों, कर्मचारियों और भागीदारों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। हम खासकर विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकियों और सॉल्युशनों पर ध्यान केंद्रित करने और ऐसी दीर्घावधि रणनीतियों के निर्माण में सक्षम होंगे जिनसे ल्यूमस को उद्योग का स्वरूप बदलने में मदद मिलेगी।’इस सौदे में प्रमुख बैंकर एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, ‘हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स द्वारा दुनिया की प्रमुख पेट्रोकेमिकल्स कंपनी ल्यूमस का अधिग्रहण किसी भारतीय कंपनी द्वारा एक बड़ी उपलब्धि है। मेरा मानना है कि यह अधिग्रहण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की मजबूत उपस्थिति और आत्मनिर्भर भारत के मिशन को बढ़ावा देने के प्रयासों में मददगार साबित होगा। एसबीआई इस प्रतिष्ठित अधिग्रहण के साथ जुड़कर बेहद उत्साहित है।’ पूर्णेन्दु चटर्जी द्वारा 80 के दशक के मध्य में स्थापित टीसीजी की अब एचपीएल में नियंत्रक हिस्सेदारी है। टीसीजी पेट्रोकेमिकल, फार्मास्युटिकल, बायोटेक, वित्तीय सेवा, रियल एस्टेट और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में दीर्घावधि निवेश के तौर पर कई कंपनियों में स्वामित्व और नियंत्रण बनाए हुए है।
