भले ही व्यावसायिक यात्राएं धीमी बनी हुई हैं, लेकिन होटल कंपनियां सामान्य हालात की ओर लौट रही हैं। होटल कंपनियों के प्रमुख अधिकारियों का कहना है कि अनिश्चितताओं के बीच, रेस्तरांओं को पुन: खोले जाने और उद्योग का दर्जा दिए जाने के संबंध में महाराष्ट्र सरकार द्वारा ताजा सूचना हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के लिए राहत लेकर आई है।
कंसल्टिंग फर्म होटलआइवेट के अनुमानों के अनुसार, सभी होटलों में मिश्रित औसत ऑक्यूपेंसी (होटलों में ग्राहकों के आने की दर) चालू तिमाही में बढ़कर 28-30 प्रतिशत पर पहुंच गई है जो सितंबर तिमाही में 18-25 प्रतिशत के बीच थी। लीजर डेस्टिनेशनों में ऑक्यूपेंसी 75-85 प्रतिशत के दायरे के साथ काफी मजबूत है।
होटलआइवेट के सह-संस्थापक मानव थडाणी ने कहा, ‘पिछले समय के विपरीत, मौजूदा समय में होटलों द्वारा दर्ज की गई मांग वास्तविक है और यह कोविड-केंद्रित नहीं है, जिसमें वंदे भारत मिशन (संस्थागत तौर पर क्वारंटाइन के लिए राज्यों से मांग) और आवासीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाता शामिल हैं।’ थडाणी को व्यावसायिक यात्राएं तेज नहीं होने तक हालात में बड़ा सुधार आने की संभावना नहीं दिख रही है। कुछ डेस्टिनेशन और होटलों के लिए रिकवरी अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही तक अनिश्चित बनी रहेगी।
सरोवर होटल्स के प्रबंध निदेशक अजय बकाया ने कहा कि जहां मुंबई और दिल्ली में बेहतर सुधार दिख रहा है, वहीं आईटी हब बेंगलूरु में होटलों को बेहद कम ऑक्यूपेंसी के साथ लगातार संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि अब वर्क फ्रॉम होम का विकल्प आईटी कंपनियों के लिए नया सामान्य बन गया है।
बकाया का कहना है, ‘बेंगलूरु जैसे शहरों में हालात जल्द नहीं बदलेंगे, क्योंकि आईटी कंपनियां अपने कार्यालय फिर से खोलने की जल्दबाजी में नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि बेंगलूरु में बिजनेस होटल 20 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी पर परिचालन कर रहे हैं।
मौजूदा समय में सरोवर के 92 में से 82 होटल खुले हुए हैं। उसने पिछले महीने औसत 33 प्रतिशत की ऑक्यूपेंसी दर्ज की थी और नवंबर में यह बढ़कर 37 प्रतिशत तथा जनवरी तक बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाने की संभावना है।
शैलेट होटल्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी संजय सेठी का कहना है, ‘फिलहाल हर किसी के लिए स्थिति अलग अलग है।’ मैरियट इंटरनैशनल, रेनेसां, फोर पॉइंट्स बाई शेराटन फिल्मोद्योग की शूटिंग टीमों और उन कंपनियों से अच्छी मांग देख रहे हैं जो विशेष परियोजनाओं के लिए यात्रा करती हैं। उन्होंने कहा कि छोटी यात्राओं में भी अच्छी तेजी आई है।
इस बीच, सभी अनिश्चितताओं के बीच, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने की महाराष्ट्र सरकार की पहल इस क्षेत्र की कंपनियों के लिए मददगार बनकर आई है।
