होंडा सिएल कार्स इंडिया के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी मसाहिरो ताकेदगावा ने हाल ही में कंपनी की लोकप्रिय कार एकॉर्ड की आठवीं पीढ़ी का मॉडल बाजार में उतारा है।
वह भारत में अपनी कंपनी का भविष्य बेहद उज्ज्वल मानते हैं। भारतीय बाजार के लिए हाइब्रिड कार, छोटी कार बनाने समेत कंपनी की भावी योजनाओं के बारे में ताकेदगावा ने हमारे संवाददाता स्वराज बग्गोनकर से विस्तार से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश :
भारतीय वाहन बाजार में लगभग 40 फीसद वाहन डीजल से चलते हैं, लेकिन यहां होंडा की कोई भी डीजल से चलने वाली कार नहीं है। इसकी क्या वजह है?
हम जानते हैं कि भारत की सड़कों पर डीजल से चलने वाले वाहनों की संख्या काफी ज्यादा है। हम ऐसा बिल्कुल नहीं कह रहे हैं कि हम इस श्रेणी की कारें कभी उतारेंगे ही नहीं। फिलहाल विदेशी बाजारों में हम 2.4 लीटर के 100 बीएचपी और 3.5 लीटर वी6 डीजल इंजन का परीक्षण कर रहे हैं। लेकिन इन इंजनों का इस्तेमाल सिर्फ बड़ी कारों में ही किया जा सकता है। भारतीय बाजार में कंपनी की डीजल कार आने में अभी समय लगेगा।
कुछ ही महीनों में आप यहां के बाजार के लिए हाइब्रिड कार उतारने वाले हैं। क्या आप मानते हैं कि भारत में इतनी महंगी कार के लिए बाजार मौजूद है?
यहां निर्यात शुल्क की दिक्कत है। यह ज्यादा होने की वजह से हमारी सिविक हाइब्रिड कार की कीमत 25 लाख रुपये के आसपास रहने की संभावना है। हालांकि अभी तक हमने अपने संभावित ग्राहकों के बारे में कोई सर्वेक्षण नहीं कराया है, लेकिन हमें उम्मीद है कि इस देश में भी इस कार के खरीदार मौजूद हैं। यह कार भारत में हमारे सभी 80 डीलरों के पास मिल जाएगी।
आप आने वाले सालों में भारतीय बाजार में कितनी छोटी कारें लाने वाले हैं?
अभी हम दो नए प्लेटफार्म पर कार्य कर रहे हैं और उम्मीद है कि दोनों साथ ही उतारे जाएंगे। हमें साल 2009 में लॉन्च करने के लिए जैज प्लेटफार्म और एक दूसरे प्लेटफार्म में से किसी एक को चुनना है। भारतीय बाजार के मुताबिक बाकी प्लेटफार्म अगले 4-5 सालों में विकसित किए जाएंगे।
दुनिया भर के बाकी बाजारों की तुलना में भारतीय वाहन बाजार को आप कहां देखते हैं?
हमारी कोशिश ज्यादा गाड़ियां बेचना नहीं हैं। हम बिक्री के आंकड़ों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, हमारा ध्यान तो ग्राहकों को पूरी संतुष्टि देने पर होता है। भारत की बात की जाए, तो यहां होंडा सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली विदेशी कंपनी है। भारत में हमें एक अरसा हो गया है। हालांकि दुनिया भर में हमने पिछले साल 40 लाख कार बेचीं और भारत में महज 65,000 कार बिकीं, लेकिन हमारे लिए यह सबसे तेजी से बढ़ रहा बाजार है।
भारत से पुर्जों का आयात बढ़ाने के लिए कंपनी की क्या योजना है?
भारत में कंपनी अभी 100 आपूर्तिकर्ताओं से पुर्जे लेती है। हम भारत और आसियान के बाकी देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। इस समझौते के जरिये हम सभी एशियाई देशों से एक साथ पुर्जे ले सकते हैं।