स्विट्जरलैंड की प्रमुख सीमेंट निर्माता कंपनी होल्सिम देश में अपनी मौजूदा क्षमता विस्तार परियोजनाओं पर दोबारा विचार कर सकती है।
होल्सिम भारत की दो प्रमुख सीमेंट निर्माता कंपनियों एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स की प्रमोटर कंपनी भी है, जो वैश्विक आर्थिक मंदी और कीमतों में कमी बनी रहने के चलते ऐसा कर सकती है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत होल्सिम के लिए विकास की नजर से अच्छा बाजार है, जो खुद सीमेंट के लिए मांग में कमी के दौर को झेल रहा है।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी ने सितंबर में समाप्त हुई दूसरी तिमाही में अपने मुनाफे में 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। इसी कारण के मद्देनजर कंपनी ने स्पेन और अमेरिका में अपने संयंत्रों को बंद करने का फैसला किया है।
2008 के पहले नौ महीनों में कंपनी के चार बड़े बाजारों ने ईबीआईडीटीएस विकास में ‘मजबूत घाटा’ दर्ज किया है। भारत भी इस मामले में अपवाद नहीं है। कंपनी को 11 करोड़ स्विस फ्रैंक के बराबर मुनाफे में कमी देखने को मिली है।
होल्सिम के मुख्य कार्यकारी मारक्स ऐकरमैन ने सितंबर तिमाही नतीजों की घोषणा के दौरान कहा, ‘हम अपनी उत्पादन क्षमताओं को मांग के अनुकूल बनाएंगे। मौजूदा क्षमता कार्यक्रम, जिन्हें विकास वाले बाजारों पर ध्यान देने के चलते बनाए गया था, उन पर दोबारा विचार किया जाएगा, लेकिन ज्यादातर को आगे बढ़ाया जाएगा।’
उन्होंने यह भी कहा कि 2009 में परियोजनाओं के लिए आवंटन को कम करने के साथ अतिरिक्त परियोजनओं को अभी टाला गया है। होल्सिम की भारत में 4.1 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता है और उसका देश में सीमेंट उद्योग की कुल उत्पादन क्षमताओं के 20 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण है। कंपनी ने अगले दो साल में अपनी क्षमताओं को 5.5 करोड़ टन बढ़ाने के लिए परियोजनाओं को तय कर लिया है।
अंबुजा सीमेंट की मौजूदा समय में 1.85 करोड़ टन की क्षमता है, जिसे बढ़ाकर 2.5 करोड़ टन किया जाएगा। इसी तरह एसीसी भी ऐसी परियोजनाओं पर नजर लगाए बैठी है, जिनकी मदद से 2010 तक उसकी कुल मौजूदा क्षमता 2.24 करोड़ टन से बढ़कर 3 करोड़ टन तक पहुंच जाए।
हाल में अंबुजा सीमेंट के प्रबंध निदेशक ए एल कपूर ने कहा था कि कंपनी बिहार में अपनी 10 लाख टन वाली प्रस्तावित परियोजना पर धीरे-धीरे आगे बढ़ेगी। सितंबर में एसीसी के प्रबंध निदेशक सुमित बनर्जी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा था कि कंपनी दो नई परियोजनाओं पर काम कर रही है, जो अभी ड्रॉइंग बोर्ड पर ही हैं।
हालांकि अब जब होल्सिम अपनी अतिरिक्त परियोजनाओं को टाल रही है, तब ऐसे वक्त में नई परियोजनाओं पर ध्यान स्विट्जरलैंड की प्रमुख कंपनी के लिए उचित कदम नहीं समझा जा रहा। घरेलू सीमेंट उद्योग मौजूदा वित्त वर्ष में 3 करोड़ टन में अतिरिक्त क्षमता बढ़ाने को तैयार है, जिससे उद्योग की कुल क्षमता बढ़कर 23 करोड़ टन हो जाएगी।
हालांकि सीमेंट उद्योग ने मांग के बारे में पहले जैसे अनुमान लगाया था, उद्योग में मांग उस तरह से आने वाली क्षमताओं के साथ नहीं चल पा रही है। घरेलू सीमेंट निर्माता कंपनियों का अनुमान 10 प्रतिशत विकास दर का था, जबकि अब उन्हें मांग में 7 से 8 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद है।
इसका असर अब संयंत्रों के इस्तेमाल में कमी पर भी देखने को मिल रहा है। इस साल सितंबर में संयंत्रों का इस्तेमाल पिछले साल में 95 प्रतिशत से घटकर 82 प्रतिशत ही रह गया है