हिंदुस्तान सीरिंजेस ऐंड मेडिकल डिवाइसेज (एचएमडी) अपने फरीदाबाद संयंत्रों में परिचालन जारी रख सकती है। देश की यह सबसे बड़ी विनिर्माता उन 228 विनिर्माण करने वाली इकाइयों में शामिल थी, जिन्हें शुक्रवार को हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्वैच्छिक तौर पर काम बंद करने का नोटिस मिला था। एचएमडी के संयंत्र पाइप लाइन वाली प्राकृतिक गैस (पीएनजी) द्वारा संचालित होते हैं और बिजली जाने की स्थिति में बैकअप के लिए डीजल जेनरेशन (डीजी) सेट का इस्तेमाल करते हैं।
देश में इस्तेमाल होने वाली 66 फीसदी सीरिंज का उत्पादन करने वाली एचएमडी को इसके अनुरोध के बाद उत्पादन शुरू करने के लिए अब वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से मंजूरी मिल गई है।
हालांकि यह केवल आंशिक राहत ही है। आयोग ने शनिवार को अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली एनसीआर में ऐसे सभी उद्योग, जो पीएनजी या स्वच्छ ईंधन से संचालित नहीं हैं, उन्हें सोमवार से शुक्रवार तक दिन में केवल आठ घंटे तक काम करने की अनुमति दी जाएगी तथा शनिवार और रविवार को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एचएमडी ने पीएनजी आधारित जेनरेशन के अलावा डीजी सेट के इस्तेमाल की अनुमति मांगी है। एचएमडी के प्रबंध निदेशक राजीव नाथ ने कहा ‘बहुत ही दुर्लभ परिस्थितियों में हमें ऐसा करने की अनुमति मिली है, जैसा कि स्वास्थ्य देखभाल उद्योग (अस्पतालों) के लिए प्रदान की जाती है और इससे सर्वोत्तम संयंत्र क्षमता उपयोग सुनिश्चित होगा ताकि कोई कमी न हो।’ उन्होंने कहा कि पीएनजी जेनसेट हमारे बड़े संयंत्र की अधिकांश जरूरतों के लिए अच्छा है, लेकिन सीमित जगह और अन्य दिक्कतों की वजह से अभी यह हमारे छोटे संयंत्रों के लिए अच्छा नहीं है।
आयोग को दी गई अपनी रिपोर्ट में कंपनी ने कहा था कि वह लगातार निर्माण करती है और इसलिए आपातकालीन बैकअप के लिए डीजी सेट पर निर्भर रहती है। दिल्ली एनसीआर के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निदेशक राजेश कुमार ने एक पत्र में कहा है कि इस बात को ध्यान में रखते हुए कि उक्त इकाई कोविड-19 टीकाकरण के लिए महत्त्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन कर रही है और डीजल जनरेटर सेट का इस्तेमाल नियमित उत्पादन के तौर नहीं किया गया था, इसलिए इस इकाई को आयोग के आदेशों/निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करने के शपथ पत्र/हलफनामे के आधार पर दोबारा शुरुआत करने और परिचालन बहाली के लिए अनुमति दी जाती है।
