हिंदुजा समूह की दूसरी कंपनी हिन्दुजा फाउंडरीज ने भी उत्पादन में कटौती की घोषणा की है।
अभी पिछले ही सप्ताह समूह की प्रमुख और व्यावसायिक वाहन निर्माता कंपनी अशोक लीलेंड ने मंदी में कमी को देखते हुए अपने उत्पादन की अवधि को सप्ताह में तीन दिन किया था और इस बार समूह की हिंदुजा फाउंड्रीज ने अपने तीन संयंत्र में उत्पादन पर लगाम कसने की घोषणा की है।
हिंदुजा फाउंड्रीज महीने में पांच दिन के लिए उत्पादन कार्य को बंद रखेगी। जहां कंपनी के एन्नोर और श्रीपेरंबुदूर संयंत्र मार्च 2009 तक उत्पादन के इस नए मॉडल पर काम करेगा, वहीं कंपनी के हैदराबाद संयंत्र के जनवरी 2009 तक सामान्य उत्पादन मॉडल पर वापस आ जाने की उम्मीद है।
जहां अशोक लीलेंड ने देश में व्यावसायिक वाहनों की मांग में कमी को देखते हुए उत्पादन कार्य में कटौती की है, वहीं हिंदुजा फाउंड्रीज ने तमिलनाडु में बिजली की समस्या को देखते हुए उत्पादन में कटौती करने का निर्णय लिया है।
हिंदुजा फाउंड्रीज के मुख्य वित्त अधिकारी वी शंकर ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि व्यावसायिक वाहनों के बाजार में मांग में कमी ही इस फैसले के पीछे अहम कारण है। कंपनी ने तमिलनाडु बिजली बोर्ड के सामने यह पेशकश रखी है कि वह राज्य में अपने संयंत्रों को एक महीने में लगातार पांच दिन बंद रखना चाहती है अगर बोर्ड कंपनी के संयंत्रों को उसके बाद लगातार दो दिन बिजली मुहैया करा सकता है तो।
संकट प्रबंधन योजना के तहत तमिलनाडु बिजली बोर्ड ने विनिर्माण इकाइयों पर कई बड़े-बड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें एक दिन में निश्चित घंटों तक परिचालन कार्य भी शामिल है। शंकर का कहना है कि यह नीति हिंदुजा फाउंड्रीज जैसी इकाइयों के लिए फायदेमंद नहीं है। ऐसा अनुमान है कि राज्य में 1,000 से 1,500 मेगावाट बिजली की कमी चल रही है, जिसके चलते राज्य सरकार ने औद्योगिक इकाइयों पर हाल ही में और नए प्रतिबंध लगाए हैं।
हिंदुजा फाउंड्रीज इस नई उत्पादन अवधि को नवंबर के आखिरी सप्ताह से श्रीपेरंबुदूर और एन्नोर संयंत्र में लागू कर सकती है, जबकि हैदराबाद संयंत्र में इस नई उत्पादन अवधि को त्वरित प्रभाव से लागू करेगी। शंकर का कहना है कि नई उत्पादन अवधि का निश्चित रूप से कंपनी के तीसरी तिमाही के नतीजों पर भी प्रभाव पड़ेगा, लेकिन अभी इसका अनुमान लगा पाना मुश्किल है।
कंपनी का 30 सितंबर 2008 को समाप्त हुई दूसरी तिमाही में शुध्द लाभ 77 प्रतिशत घटकर 1.07 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 4.68 करोड़ रुपये था। हालांकि समीक्षाधीन अवधि में कंपनी की शुध्द बिक्री 8 प्रतिशत बढ़कर 119.85 करोड़ रुपये हो गई।