अंतरराष्ष्ट्रीय बाजार में जारी वित्तीय तूफान के कारण जहां शेयर बाजार लगातार गिरावट का रिकॉर्ड बना रहे हैं, वहीं आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के प्रमोटर अपने प्राथमिकता वारंट को परिवर्तित नहीं करने जा रहे हैं।
भारत की सबसे बड़ी एल्युमिनियम कंपनी के प्रमोटरों ने अप्रैल, 2007 में खुद को प्राथमिकता आधार पर वारंट जारी किए थे। अब उन्होंने कंपनी के मौजूदा राइट्स इश्यू के जरिये अतिरिक्त शेयर जुटाने का फैसला किया है। ये वारंट प्रति शेयर 173.87 रुपये पर परिवर्तित किए जाने थे जबकि राइट्स इश्यू में शेयर की कीमत 96 रुपये है।
सूत्रों ने बताया, ‘प्रमोटर मौजूदा राइट्स इश्यू में अतिरिक्त शेयर लेंगे, क्योंकि वारंट बदलने के मुकाबले यह ज्यादा सस्ता है।’ वारंट में परिवर्तन की अंतिम तारीख 10 अक्टूबर है और उसी दिन राइट इश्यू भी बंद हो रहा है।
कंपनी की इक्विटी में 31.4 प्रतिशत प्रमोटरों के पास है और उन्होंने राइट इश्यू का 50 प्रतिशत लेने की मंजूरी हासिल कर ली है। इसका मतलब यह हुआ कि प्रमोटर कम से कम 26.29 करोड़ शेयर लेंगे जबकि वे 17.05 करोड़ शेयर ही लेने के हकदार हैं। इस तरह वे 9.2 करोड़ शेयर ज्यादा लेंगे।
अतिरिक्त शेयरों के लिए प्रमोटर करीब 874 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। इससे उनकी होल्डिंग भी 37 प्रतिशत हो जाएगी। वारंट का परिवर्तन करने पर उन्हें 4.56 प्रतिशत इक्विटी बढ़ाने के लिए 1252 करोड़ रुपये की राशि
देनी पड़ती।
एक निवेश बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कंपनी की तरफ से बताया, ‘वारंट को परिवर्तित करने के बजाय राइट इश्यू में अतिरिक्त शेयर लेना तर्कसंगत है।’