एल्युमीनियम के लिए दमदार मांग परिदृश्य के साथ हिंडाल्को इंडस्ट्रीज आगामी तिमाहियों के दौरान घरेलू और वैश्विक दोनों मोर्चों पर खुद के दम पर कारोबार के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करेगी। हालांकि कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 के लिए अपने पूंजीगत खर्च को थोड़ा घटाकर 2,400 करोड़ रुपये कर दिया है।
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक सतीश पई ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘इस वित्त वर्ष की शुरुआत में कोविड की दूसरी लहर के कारण हमने कुछ महीने खो दिए। यही कारण है कि वित्त वर्ष 2022 के लिए हमने जो पूंजीगत खर्च की योजना बनाई थी उसे करीब 300 करोड़ रुपये घटा दिया है।’
आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी ने इस महीने के आरंभ में पॉलिकैब इंडिया लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रेयकर बेस प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण 323 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज मूल्य पर किया था। इस अधिग्रहण से हिंडाल्कों की कॉपर रॉड विनिर्माण क्षमता मजबूत होगी जिससे उसे बाजार में समय पर आपूर्ति करने में मदद मिलेगी। इस प्रकार कंपनी इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र से लगातार बढ़ रही मांग को पूरा करने में समर्थ होगी।
जहां तक नोवेलिस का सवाल है तो अक्टूबर में कंपनी ने न्यूयॉर्क के ओस्वेगो में अपने परिचालन के उन्नयन पर करीब 13 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। इससे उसे एल्युमीनियम फ्लैट रोल्ड उत्पादों के लिए ग्राहकों की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।
पई ने कहा, ‘कैलेंडर वर्ष 2021 वैश्विक स्तर पर 10 लाख टन एल्युमीनियम किल्लत के साथ पूरा होने जा रहा है और इस किल्लत में आगे कहीं अधिक वृद्धि होने के आसार हैं क्योंकि पैकेजिंग, औद्योगिक, परिवहन आदि क्षेत्रों से मांग दमदार दिख रही है।’
कंपनी का समेकित एबिटा सालाना आधार पर 56 फीसदी और तिमाही आधार पर 19 फीसदी बढ़कर 8,048 करोड़ रुपये हो गया जो उसकी सर्वकालिक ऊंचाई है। कंपनी ने रिकॉर्ड उच्च एबिटा दर्ज
की है लेकिन उसने आगामी तिमाहियों के लिए कोई अनुमान जाहिर नहीं किया है।
यूरोप और चीन में कोविड के मामलों में वृद्धि के बावजूद हिंडाल्को इंडस्ट्रीज को उन क्षेत्रों में कारोबार पर कोई खास प्रभाव पडऩे की आशंका नहीं है। पई ने स्पष्ट किया, ‘यूरोप में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन वे अच्छी तरह से प्रबंधन कर रहे हैं क्योंकि जबरदस्त टीकाकरण अभियान चलाया गया है। हमें आगे चलकर यूरोप और अमेरिका में मांग की कोई समस्या नहीं दिख रही है। चीन के वाहन श्रेणी में हमारा कारोबार महज 200 केटी है और हमारी अधिकांश वाहन मांग लगभग स्थिर रही है। इसलिए चीन में भी हमारे कारोबार पर प्रभाव पडऩे की आशंका नहीं है।’
हालांकि केंद्रीय खान मंत्रालय ने हाल में खनन मानदंडों में बदलाव करते हुए कैप्टिव अयस्क उत्पादकों को किसी तीसरे पक्ष को बिक्री करने की अनुमति दी है लेकिन हिंडाल्को इस कमोडिटी की बिक्री में भाग नहीं लेगी।
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के पास चार स्मेल्टर- उत्कल, रेणुकूट, मूरी और बेलगाम में हैं। हालांकि कंपनी मूल्यवद्र्धित उत्पादों की बिक्री करती है लेकिन वह अपने मौजूदा ग्राहक वेदांत लिमिटेड को एल्युमिना की बिक्री जारी रखेगी।
कोयला किल्लत के कारण सितंबर तिमाही हिंडाल्को इंडस्ट्रीज जैसी एल्युमीनियम उत्पादकों के लिए चुनौतीपूर्ण रही। आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी इस संकट से उबरने में समर्थ थी।
