गूगल भुगतान नीति मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) जांच जल्द ही निर्णायक मोड़ पर पहुंच सकती है, क्योंकि एंट्रीट्रस्ट नियामक प्ले स्टोर डेवलपरों के लिए कंपनी की विवादास्पद नीति को लेकर आरोपों पर इस सप्ताह सुनवाई शुरू करने को तैयार है।
चेयरमैन अशोक कुमार गुप्ता के नेतृत्व में तीन सदस्यीय सीसीआई समिति इस सप्ताह के आखिर में दैनिक आधार पर इस मामले की सुनवाई शुरू कर सकती है और सितंबर तक निर्णायक आदेश आने की संभावना है।
यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे गूगल की प्रस्तावित भुगतान नीति के बारे में कानूनी स्पष्टता सामने आएगी। यह नीति 31 अक्टूबर से प्रभावी होगी। ऐप डेवलपरों के लिए अपनी भुगतान प्रणाली निर्धारित समय-सीमा में प्ले स्टोर के बिलिंग सिस्टम के साथ एकीकृत करने की जरूरत होगी।
इस घटनाक्रम से अवगत एक व्यक्ति ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘यह प्रक्रिया इस महीने शुरू हो रही है और लगातार चलने का अनुमान है।’ उन्होंने कहा कि समिति द्वारा मामले को एक सप्ताह से लेकर 10 दिन में निपटाए जाने की संभावना है और वह अपना निर्णायक फैसला अगले महीने तक जारी कर सकती है। यदि समिति की जांच में यह पाया जाता है कि नीति को लेकर उल्लंघन हुआ है तो आदेश में गूगल पर संभावित जुर्माना लगाया जा सकता है।
समिति मामले के उन सभी जरूरी खुलासों की जांच करेगी जिनमें आरोप लगाए गए कि गूगल अपनी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अपने स्वयं के ऐप ‘गूगल पे’ को पसंद कर रही है, जो अनुचित और भेदभावपूर्ण है। अन्य अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा, वह इसकी समीक्षा करेगी कि क्या प्रस्तावित भुगतान नीति प्रतिस्पर्धा नियमों के अनुरूप है या नहीं। सुनवाई के दौरान, समिति कंपनी के महानिदेशालय (डीजी) कार्यालय की रिपोर्ट के आधार पर दलीलों की सुनवाई करेगी। इसमें सर्च इंजन द्वारा अनुचित और भेदभावपूर्ण कार्य प्रणालियों को लेकर सुनवाई की जाएगी।
