निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनी एचडीएफसी लाइफ ने एक्साइड इंडस्ट्रीज की एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस की 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की आज घोषणा की। यह बीमा क्षेत्र में सबसे बड़े सौदे में से एक है जो करीब 6,687 करोड़ रुपये में होगा। इस सौदे से एचडीएफसी लाइफ के एजेंसी कारोबार में 40 फीसदी और एजेंट आधार में 30 फीसदी का इजाफा होगा।
इस सौदे के तहत एचडीएफसी लाइफ 725 करोड़ रुपये नकद में भुगतान करेगी और शेष राशि के लिए कंपनी के 8.70 करोड़ इक्विटी शेयर एक्साइड इंडस्ट्रीज को जारी किए जाएंगे। शेयर की कीमत 685 रुपये प्रति शेयर होगी। एक्साइड इंडस्ट्रीज ने एक्साइड लाइफ में अब तक कुल 1,679.59 करोड़ रुपये का निवेश किया है। अधिग्रहण के बाद एचडीएफसी लाइफ में एक्साइड की 4.1 फीसदी हिस्सेदारी होगी और एचडीएफसी लिमिटेड की बीमा कंपनी में हिस्सेदारी मौजूदा 49.9 फीसदी से घटकर 47.9 फीसदी रह जाएगी। सौदे की खबर से एचडीएफसी लाइफ का शेयर 3.21 फीसदी गिरकर 734.45 रुपये बंद हुआ। एक्साइड इंडस्ट्रीज का शेयर 6.34 फीसदी चढ़कर 189.55 रुपये पर बंद हुआ।
सौदे के बाद एक्साइड लाइफ एचडीएफसी लाइफ की सहायक इकाई बन जाएगी, और बाद में इसका एचडीएफसी लाइफ के साथ विलय किया जाएगा। एचडीएफसी लाइफ की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी विभा पडलकर ने कहा, ‘शुरू में इसे सहायक इकाई बनाया जाएगा और जल्द ही हम इसके कारोबार पर नियंत्रण कर लेंगे।’ कंपनी ने कहा कि विलय में करीब 18 महीने लग सकते हैं। कंपनी को उम्मीद है कि सौदे का पहला चरण अगले चार-पांच महीने में पूरा हो जाएगा।
यह जीवन बीमा क्षेत्र में एकीकरण की शुरुआत है। इस क्षेत्र में करीब 23 निजी कंपनियां हैं लेकिन उनमें से शीर्ष पांच-छह कंपनियों के पास ही अच्छी खासी बाजार हिस्सेदारी है। यह जीवन बीमा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा।
उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि बीमा कारोबार में काफी पूंजी की जरूरत होती है, इसलिए यह प्रबंधन पर निर्भर करता है कि कंपनी में नियमित अंतराल पर पूंजी निवेश किया जाए या कंपनी में पूरी हिस्सेदारी बेच दी जाए। बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाकर 74 फीसदी कर दिया गया है। ऐसे में कुछ छोटी कंपनियों के प्रवर्तक अपनी हिस्सेदारी विदेशी कंपनियों को बेचकर कंपनी से निकल सकते हैं। इससे पहले एचडीएफसी लाइफ ने मैक्स लाइफ के अधिग्रहण में भी दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन नियामकीय अड़चनों के कारण बात नहीं बन पाई। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि एक्साइड के सौदे में बाधा नहीं आएगी।
पडलकर ने कहा, ‘जीवन बीमा बाजार में हम तेजी से विकास कर रहे हैं और हमने अधिग्रहण के जरिये विस्तार के अवसर भी तलाशते रहते हैं।’