देश में ग्राहकों के फिर ऑफलाइन खरीदारी पर आने के बावजूद ऑनलाइन खुदरा कारोबार में तगड़ी वृद्धि जारी है। कंसल्टिंग कंपनी रेडसियर की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अप्रैल, मई और जून में ऑनलाइन खुदरा कारोबार में सालाना आधार पर 40 से 60 फीसदी वृद्धि रही है। रेडसियर ने कहा कि यह बाजार 38 फीसदी चक्रवृद्धि सालाना वृद्धि दर से बढ़ रहा है। ऐसे में इसके तगड़ी जीएमवी (सकल उत्पाद मूल्य) वृद्धि दर्ज करने और वर्ष 2022 में जीएमवी 4.9 लाख करोड़ रुपये के पार निकलने के आसार हैं।
इसके अलावा मझोले शहरों के ऑनलाइन खरीदारों की अच्छी हिस्सेदारी से वृद्धि को और सहारा मिलने की उम्मीद है।
रेडसियर में पार्टनर मृगांक गुटगुटिया ने कहा, ‘ऑफलाइन खुदरा और मनोरंजन की गतिविधियां कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच गई हैं। फिर भी ऑफलाइन रिटेल कारोबार खुलने के बावजूद ऑनलाइन खुदरा में तगड़ी वृद्धि जारी है।’
उन्होंने कहा, ‘महामारी के दौरान शुरुआत में कुछ नरमी आई थी, फिर 2020 के त्योहारी सीजन के दौरान भारी तेजी आई, त्योहारी सीजन के बाद गिरावट का रुझान रहा और फिर पिछले साल लगातार वृद्धि और त्योहारी तेजी दर्ज की गई। ऑफलाइन कारोबार खुलने के बावजूद अप्रैल, मई और जून में सालाना आधार पर कुल बिक्री में वृद्धि का रुझान बना रहा।’
भारत ई-टेलिंग जीएमवी सूचकांक में मासिक वृद्धि की तुलना है। वर्ष 2022 में यह इस साल अप्रैल में अप्रैल 2021 की तुलना में 60 फीसदी ऊंचा रहा। यह इस साल मई में पिछले साल के मई की तुलना में 38 फीसदी ऊंचा रहा जबकि जून में जून 2021 के मुकाबले 42 फीसदी ऊपर रहा।
पारंपरिक कारोबार के अलावा इस वृद्धि में उन नए ई-कॉमर्स मॉडलों ने योगदान दिया है, जो ग्राहकों की पूरी नहीं होने वाली जरूरतों को पूरी करने के लिए पिछले कुछ साल में आए हैं। उन्होंने फैशन और किराना श्रेणियों में लगातार अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है।
उदाहरण के लिए रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल क्विक कॉमर्स में ही सालाना आधार पर 10 गुना वृद्धि रही है। यह इस मॉडल के लिए वैश्विक चुनौतियां होने के बावजूद भारत में ई-ग्रोसरी बाजार में तेजी से हिस्सेदारी बढ़ा रहा है। उदाहरण के लिए वैश्विक स्तर पर डिलिवरी सेवा प्लेटफॉर्म गोरिल्ला को मंदी की वजह से बेल्जियम से बाहर निकलना पड़ा।
डिलिवरी स्टार्टअप गोपफ को अपने 10 फीसदी वैश्विक कर्मचारियों को हटाना पड़ा और 76 अमेरिकी वेयरहाउस बंद करने पड़े। अत्यधिक जल्दी किराने का सामान पहुंचाने वाली जोकर अमेरिकी बाजार से बाहर निकल गई है और उसने परिसंपत्तियां बेच दी हैं।
भारत में क्विक कॉमर्स कंपनियों में स्विगी इंस्टामार्ट, जोमैटो, डंजो, ब्लिंकइट और बिगबास्केट हैं। एक अन्य नया ई-कॉमर्स मॉडल सोशल कॉमर्स भी वृद्धि की राह पर आगे बढ़ रहा है क्योंकि यह किफायत और ग्राहक अनुभव की समस्याओं का प्रभावी समाधान है। नए ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी में वृद्धि जारी रहने के आसार हैं।
