ग्रोफर्स के सह-संस्थापक सौरभ कुमार का इस्तीफा

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:31 AM IST

करीब आठ साल पहले सह-संस्थापक अलबिंदर धींडसा के साथ ई-ग्रोसरी प्लेटफॉर्म ग्रोफर्स की स्थापना करने के बाद सौरभ कुमार ने इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। कुमार ने ग्रोफर्स के कर्मचारियों को लिखे एक ई-मेल में कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से कंपनी छोड़ रहे हैं।
कुमार ने अपने ई-मेल में लिखा, ‘मैं पिछले कुछ समय से अपने व्यक्तिगत जीवन और व्यक्तिगत लक्ष्यों के बारे में सोच रहा था और उसी के परिणामस्वरूप मैंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। मैं फिर से घूमना चाहता हूं।’
हालांकि कुमार सॉफ्टबैंक के निवेश वाले इस स्टार्टअप के दैनिक कामकाज की जिम्मेदारियां नहीं संभालेंगे लेकिन वह बोर्ड सदस्य और शेयरधारक के तौर पर कंपनी में बरकरार रहेंगे। खबरों के अनुसार, कंपनी में उनकी 3 फीसदी हिस्सेदारी है जिसका मूल्य फिलहाल करीब 64.4 करोड़ डॉलर है।
कुमार की विदाई के लिए एक विशेष ब्लॉग में धींडसा ने लिखा, ‘मुझे पता है कि एसके (सौरभ कुमार) हमारी दौड़ का अधिकांश भार खींच रहे थे लेकिन मुझे यह भी मालूम है कि वह एक मैराथन धावक हैं और इस बार उन्हें लंबी दूरी के लिए अकेले अवश्य जाना चाहिए। मैं उनके निर्णय का पूरी तरह समर्थन करता हूं।’
यह ग्रोफर्स के लिए एक युग का अंत है। ग्रोफर्स फिलहाल 40 से अधिक शहरों में मौजूद है। कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के बाद फरवरी के मध्य से ही ग्रोफर्स की मांग में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। औसत ऑर्डर के आकार में करीब 25 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है जो फ्रोजेन फूड्स, पर्सनल केयर उत्पादों और स्वास्थ्यवर्धक पूरक उत्पादों की मांग में 200 फीसदी की वृद्धि के साथ अब करीब 2,000 रुपये है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज की एक खुदरा रिपोर्ट के अनुसार, ई-ग्रोसरी कारोबार का आकार सालाना 59 फीसदी के चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ 2024 तक 18 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत में 2020 में घरेलू सामानों के लिए 15.4 करोड़ ऑनलाइन लेनदेन होता था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 करोड़ लेनदेन के लिए पहले से ही ई-ग्रोसरी प्लेटफॉर्म का उपयोग किया गया अथवा उपयोग करने की कोशिश की गई।
ग्रोफर्स इस साल के आरंभ में अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के साथ पूंजी बाजार में दस्तक देने की योजना बनाई थी। हालांकि उसने अपने आईपीओ की योजना को फिलहाल टाल दिया है और अगले चरण की वृद्धि को रफ्तार देने के लिए फूड टेक यूनिकॉर्न जोमैटो के साथ 10 करोड़ डॉलर के निवेश के लिए बातचीत कर रही है।

First Published : June 18, 2021 | 11:16 PM IST