आदित्य बिड़ला समूह की फर्म ग्रासिम ने वित्त वर्ष 2022 में पूंजीगत खर्च के तौर पर 2,600 करोड़ रुपये निवेश करना तय किया है। यह निवेश तीन साल में पेंट कारोबार में कंपनी के 5,000 करोड़ रुपये के निवेश का हिस्सा होगा।
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कंपनी के शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, हम अभी सावधानीपूर्वक प्लांट की साइट की तलाश कर रहे हैं, जो पेंट कारोबार के उपभोग वाले केंद्र के करीब होगा। अन्य दिग्गजों की तरह समूह अक्षय ऊर्जा कारोबार में भी निवेश कर रहा है। बिड़ला ने कहा, हमारे सौर ऊर्जा कारोबार में विभिन्न राज्यों की सौर परिसंपत्तियां शामिल है, जिसकी संचयी स्थापित क्षमता वित्त वर्ष 21 में 502 मेगावॉट रही। हमने पिछले दो साल में क्षमता तिगुनी की है, जिसमें समूह के बड़े कारोबार में अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने पर हमारे ध्यान से मदद मिली है। संचयी स्थापित क्षमता वित्त वर्ष 23 तक 845 मेगावॉट पर पहुंचने की उम्मीद है, जो मौजूदा पाइपलाइन पर आधारित है।
वीएसएफ कारोबार पर बिड़ला ने कहा, नई ब्राउनफील्ड विलायत परियोजना पर ट्रायल शुरू हो चुका है और यह दुनिया के सबसे बड़े एकल विस्कोस स्टेपल फाइबर (वीएसएफ) संयंत्र में से एक होगा और यह अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, जो भारतीय स्पिनरों को वैश्विक श्रेणी का फाइबर देगा। उन्होंने कहा, यह विस्तार ग्रासिम की वीएसएफ क्षमता में करीब 40 फीसदी का इजाफा करेगा, जो देश में सेल्युलोज फाइबर की बढ़ती मांग को पूरा करेगा।
विलायत की विस्तार परियोजना पर 3,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हुआ है और इस कारोबार में क्षमता का पूरा इस्तेमाल साल के आखिर तक होने लगेगा। उन्होंंने कहा, लंबी अवधि में हमारा इरादा वैल्यू ऐडेड प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो में इजाफा का होगाताकि ग्रासिम में बेहतर स्पेशियलिटी केमिकल क्षेत्र का सृजन हो। हमारा इरादा वीएसएफ व क्लोरीन वैल्यू ऐडेड प्रॉडक्ट्स का हिस्सा साल 2025 तक बढ़ाकर 40 फीसदी करने का है।
इससे पहले बिड़ला ने अगले पांच साल में हिंडाल्को की तरफ से 3 अरब डॉलर तक के पूंजीगत खर्च की घोषणा की थी ताकि भारत व विदेश में उत्पादन क्षमता में इजाफा किया जा सके। इस पूंजीगत खर्च का एक हिस्सा नोवेलिस के अमेरिका व चीन के विस्तार और ब्राजील की रीसाइक्लिंग क्षमता विस्तार पर भी होगा।