जोमैटो के सूचीबद्ध होने से पहले कंपनी के सह-संस्थापक दीपिंदर गोयल ने ने कहा, आज हमारे लिए बड़ा दिन है। लेकिन हम भारत के इंटरनेट इकोस्स्टिम की अतुलनीय कोशिश के बिना यहां तक नहीं पहुंच सकते थे।
लेटर फ्रॉम डिपी शीर्षक से लिखे ब्लॉग में उन्होंने अपने सहयोगियों और निवेशकों की सराहना की और कहा कि कंपनी की लंबी अवधि की कामयाबी की कीमत पर जोमैटो अल्पावधि के लाभ के लिए अपना नजरिया नहीं बदलेगी। गोयल ने कहा, भारत में परिचालन मुश्किल होता है लेकिन अगर आप भारत मेंं कामयाबी पा लेते हैं तो आप विशेष हैं। मैं इसलिए ऐसा कह रहा हूं क्योंकि हमारा मानना है कि जोमैटो व स्विगी आज दुनिया भर में दो सबसे सबसे अच्छे फूड डिलिवरी ऐप है। ग्राहक के मानकों के लिहाज से अपने आपको वैश्विक श्रेणी की कंपनी कहलाने के लिए हमें लंबा सफर तय करना है, लेकिन हम वहां पहुंचने की ठान चुके हैं। भारत में फूड डिलिवरी के क्षेत्र में मोटे तौर पर दो कंपनियां जोमैटो व स्विगी हैं। जोमैटो ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कामकाज शुरू किया था, लेकिन अब वह देसी बाजार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी के सह-संस्थापक गौरव गुप्ता इस अखबार को पहले ही बता चुके हैं कि फर्म का ध्यान भारत पर है और आईपीओ से इसमें बदलाव नहीं होगा।
एक रिपोर्ट में आनंद राठी रिसर्च ने कहा है कि साल 2019 में भारत में खाद्य उपभोग करीब 670 अरब डॉलर का रहा, जिसमें घर मेंं बनाए भोजन का बड़ा योगदान है। रेस्तरां में बने भोजन की सेवाएं देने वाली फूड सर्विसेज अभी खाद्य उपभोग बाजार में महज 10 फीसदी का योगदान कर रहा है। यह वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं मसलन अमेरिका व चीन से काफी कम है, जहां फूड सर्विसेज कुल खाद्य उपभोग में करीब 54 फीसदी व 58 फीसदी का योगदान कर रहा है।
ऐसे में इसमें बढ़त की काफी गुंजाइश है। गोयल कई बार दोहरा चुके हैं कि अच्छा उत्पाद बनाने में वक्त लगता है और कंपनी लंबी अवधि के मकसद पर ध्यान बनाए रखेगी। उन्होंने कहा, आईपीओ को मिले भारी दुलार से हमें भरोसा देता है कि दुनिया में काफी ऐसे निवेशक हैं जो हमारे निवेश को सराहते हैं और हमारे कारोबार को लेकर लंबी अवधि का नजरिया अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि कई बड़ी कंपनियां ऐसी हैं जो भविष्य के भारत निर्माण में जुटी हैं।
