फंसे कर्ज के समाधान के लिए राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुर्नगठन कंपनी (एनएआरसीएल) द्वारा जारी की जाने वाली प्रतिभूति रसीदों को सरकारी गारंटी मिल गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए आज बताया कि गारंटी 30,600 करोड़ रुपये की होगी। लेकिन उन्होंने कहा कि यह गारंटी केवल 5 साल के लिए वैध होगी और उस समय तक फंसे कर्ज का समाधान नहीं हुआ तो गारंटी खत्म हो जाएगी। सीतारमण ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि पांच साल के भीतर समाधान हो जाएगा और एनएआरसीएल जितनी जल्दी ऐसा कर लेगी उतना अच्छा है क्योंकि ऐसा नहीं होने पर उसे शुल्क चुकाने होंगे।’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनएआरसीएल द्वारा जारी प्रतिभूतियों के लिए सरकारी गारंटी देने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी थी। एनएआरसीएल भारतीय रिजर्व बैंक के नियमन दायरे में करीब 2 लाख करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का अधिग्रहण करेगी। कंपनी इस ऋण के लिए सहमत मूल्य का 15 फीसदी तक नकद भुगतान करेगी और शेष 85 फीसदी राशि के लिए सरकारी की गारंटी वाली प्रतिभूतियां जारी करेगी।
एनएआरसीएल के गठन को सही बताते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘बैंकों के खातों में काफी मात्रा में एनपीए है, जो फंसे कर्ज की शक्ल में है और इसका पता परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा से चला है। यह किसी एक ऋणदाता या क्षेत्र का नहीं बल्कि विभिन्न क्षेत्र के ऋणदाताओं का है। एनपीए की वजह से बैंकों को काफी ज्यादा राशि प्रावधान के तौर पर अलग रखनी होती है। ऐसे में फंसे कर्ज के तेजी से समाधान के लिए यह अवसर उपलब्ध कराया गया है।’
वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट भाषण में घोषणा की थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को फंसे कर्ज के लिए अत्यधिक प्रावधान करने की समस्या दूर की जाएगी और उनके खातों को दुरुस्त करने के उपाय किए जाएंगे। वित्त सचिव देवाशिष पांडा ने कहा कि बैंकों ने करीब 90,000 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की पहचान की है, जिसे शुरुआती चरण में एनएआरसीएल को हस्तांरित किया जाएगा। दूसरे चरण में कम प्रावधान वाले फंसे कर्ज को हस्तांतरित किया जाएगा। एनएआरसीएल 500 करोड़ रुपये से ऊपर के फंसे कर्ज का समाधान करेगी और कुल राशि करीब 2 लाख करोड़ रुपये हो सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2015 में बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता की समीक्षा की गई थी जिसमें पाया गया कि उनके खाते पर एनपीए का काफी दबाव है। पिछले छह वित्त वर्षों में सरकार ने 4आर रणनीति – पहचान, समाधान, पुनर्पूंजीकरण और सुधार को अंजाम दिया। इसके बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 5.01 लाख करोड़ रुपये का फंसा कर्ज वसूल पाए हैं।