सरकार का महत्त्वाकांक्षी ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) अप्रैल महीने में छोटे स्तर पर 2 शहरों में शुरू किया जाएगा। इसका मकसद यह देखना है कि आधिकारिक रूप से इसे पेश किए जाने के पहले तकनीक सक्षम बुनियादी ढांचा किस तरह से काम करता है।
उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के नेतृत्व में लाया जा रहा ओएनडीसी यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) की ही तरह है, जो ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए है।
उद्योग विभाग में अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हम प्रायोगिक परियोजना दो शहरों में पेश करने जा रहे हैं। संभवत: एक उत्तर भारत का शहर होगा और एक दक्षिण भारत का। हमने इसके लिए स्थानीय खुदरा कारोबारियों और खरीदारों को प्लेटफॉर्म से जोड़ा है। देखते हैं कि यह कैसे काम करता है।’
अधिकारियों का मानना है कि ओएनडीसी को लेकर स्टार्टअप में पहले ही बहुत ज्यादा दिलचस्पी है और वे नेटवर्क में शामिल होना चाहते हैं। इस मामले के जानकार एक अधिकारी ने कहा कि अब तक 50 से ज्यादा हिस्सेदार, जिसमें पेटीएम, फोनपे जैसे शीर्ष डिजिटल भुगतान प्रदाता, टेक स्टार्टअप जैसे गोफ्रूगल आदि शामिल हैं, इससे जुड़ चुके हैं। वहीं कई और ओएनडीसी से जुडऩे पर विचार कर रहे हैं।
ओएनडीसी मौजूदा प्लेटफॉर्म केंद्रित मॉडलों से परे है, जहां एक खरीदार और एक विक्रेता एक ही ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल करेंगे। इसका मकसद कारोबार करने की लागत कम करना, छोटे और परंपरागत खुदरा व्यापारियों को लाभ पहुंचाना और साथ ही डिजिटल एकाधिकार पर लगाम लगाना है। इसका मकसद व्यापारियों और ग्राहकों को ताकत देना है, जिससे एकल नेटवर्क को तोड़ा जा सके और खुदरा सामान से लेकर खाद्य और मोबिलिटी को बढ़ावा दिया जा सके।
अगले 6 महीने के दौरान ओएनडीसी को निजी, गैर लाभकारी कंपनी के रूप में स्थागत रूप देने का लक्ष्य है, जिसे 31 दिसंबर, 2021 को पेश किया गया था। बहरहाल कंपनी को अभी कामकाज शुरू करना है।
डीपीआईआईटी सचिव अनुराग जैन ने कहा कि जहां ओएनडीसी एक बदलाव लाएगा, वहीं खुदरा कारोबारियों तक पहुंचने और उन्हें प्लेटफॉर्म का लाभ समझने में मदद करने की भी जरूरत है। जैन ने स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक के दौरान यह कहा। उन्होंने कहा, ‘ओएनडीसी में 3 महत्त्वपूर्ण चीजें डायनमिक प्राइसिंग, इन्वेंट्री मैनेजमेंट और डिलिवरी लागत को अनुकूल बनाना है। इन सभी सुविधाओं से दरअसल सबके लिए कारोबार करने की लागत कम होगी।’ उन्होंने कहा कि अब तक बड़े कारोबारी ही लाभ लेने में सक्षम हैं और ई कॉमर्स से छोटे व्यापारी अभी बाहर हैं।
