उपभोक्ता वस्तु लेकर रियल एस्टेट क्षेत्र तक कारोबार करने वाली प्रमुख कंपनी गोदरेज इंडस्ट्रीज गोदरेज कैपिटल के जरिये वित्तीय सेवा कारोबार में विस्तार करने जा रही है। इसके तहत कंपनी सस्ते आवास और बिना रेहन वाले ऋण कारोबार में उतरने के लिए तैयार है। कंपनी रेहन वाले ऋण कारोबार और संपत्ति के एवज में ऋण (एलएपी) कारोबार में गोदरेज हाउसिंग फाइनैंस के जरिये पहले ही दस्तक दे चुकी है।
कंपनी अब अपने सभी वित्तीय सेवा कारोबार को हाल में गठित कंपनी गोदरेज कैपिटल के तहत लाने की तैयारी कर रही है। गोदरेज कैपिटल गोदरेज इंडस्ट्रीज की वित्तीय सेवा इकाई है जो गोदरेज फाइनैंस और गोदरेज हाउसिंग फाइनैंस की प्रमुख होल्डिंग कंपनी होगी।
गोदरेज कैपिटल की नजर अगले चार साल में 30,000 करोड़ रुपये का बहीखाता तैयार करने पर है जो फिलहाल महज 1,800 करोड़ रुपये का है। इसमें 1,400 करोड़ रुपये का आवास ऋण और 400 करोड़ रुपये का एलएपी शामिल है। कंपनी को 30,000 करोड़ रुपये का बहीखाता तैयार करने के लिए करीब 5,000 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत होगी।
गोदरेज कैपिटल के एमडी एवं सीईओ मनीष शाह ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि शुरू में गोदरेज इंडस्ट्रीज 1,500 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश करेगी। शेष 3,500 करोड़ रुपये की पंूजी के लिए गोदरेज इंडस्ट्रीज कोई रणनीतिक साझेदारी करेगी अथवा खुद रकम उपलब्ध कराएगी।
कंपनी भौगोलिक स्तर पर अपनी मौजूदगी बढ़ाने की भी योजना बना रही है। फिलहाल उसकी मौजूदगी मुंबई, बेंगलूरु, दिल्ली एनसीआर, अहमदाबाद और पुणे में है। कंपनी जल्द ही छह नए शहरों में अपना कारोबार शुरू करेगी और हर साल एक नए शहर में कारोबारी शुरू करने की योजना है। कंपनी की नजर अपने साझेदारों के साथ संबंधों को मजबूती देने पर भी है। इसके अलावा कंपनी विभिन्न ग्राहक श्रेणयों और कारोबार पर ध्यान केंद्रित करेगी।
शाह ने कहा, ‘हमने प्राइम हाउसिंग के साथ शुरुआत की थी और छह महीने पहले एलएपी श्रेणी में विस्तार किया था। हमारा अगला कदम सस्ते आवास की ओर होगा और उसके बाद बिना रेहन वाले ऋण कारोबार पर विचार किया जाएगा। इसलिए भौगोलिक वृद्धि के साथ-साथ उत्पाद पेशकश में भी वृद्धि होगी। इसके लिए चैनलों और साझेदारों के जरिये बाजार में गहरी पैठ बनाने की योजना है।’
कंपनी फिलहाल उपभोक्ता फाइनैंस श्रेणी में उतरने पर ध्यान केंद्रित नहीं करेगी क्योंकि उसे इस क्षेत्र में कोई खास अवसर नहीं दिख रहा है। इस श्रेणी में फिलहाल बजाज फाइनैंस का वर्चस्व है। दिलचस्प है कि गोदरेज इंडस्ट्रीज के पास 1998 से ही एनबीएफसी का लाइसेंस मौजूद रहा है लेकिन 2020 के आखिर तक
आवास ऋण कारोबार में उतरने से पहले ऋण कारोबार में कोई खास सक्रियता नहीं थी।
