बाजार नियामक सेबी ने गो एयरलाइंस के 3,600 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के ड्राफ्ट दस्तावेजों की प्रक्रिया को विलंबित रखा है। गो एयरलाइंस (इंडिया) लिमिटेड ने ‘गो फस्ट’ के रूप में खुद की रीब्रॉडिंग करने की घोषणा की है। इसने 3,600 करोड़ रुपये की शुरुआती शेयर बिक्री के लिए मई में आरंभिक दस्तावेज जमा कराए थे। कंपनी आईपीओ से जुटाई जाने वाली धनराशि का इस्तेमाल बकाया चुकाने में करेगी।
गो एयरलाइंस के ड्रॉफ्ट ऑफर दस्तावेजों की प्रक्रिया की स्थिति के सेबी के ताजा अपडेट के मुताबिक, ‘अवलोकन जारी करने को विलंबित रखा गया है।’ यह सूचना 25 जून को अद्यतन की गई है। सेबी की शब्दावली में अवलोकन जारी करने का मतलब है कि कंपनी आईपीओ पर आगे बढ़ सकती है। आम तौर पर सेबी आईपीओ दस्तावेजों पर 30 दिन में अवलोकन जारी करता है।
लेकिन जिन मामलों में सेबी को लगता है कि जांच के लिए संभावित कारण है या जांच पहले से चल रही है मगर कोई कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया गया है तो सेबी मामले को 30 दिन तक विलंबित रखा है, जिसे 30 दिन और या जांच पूरी होने तक बढ़ाया जा सकता है।
जिन मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी हो चुका है, उनमें सेबी प्रक्रिया को 90 दिन तक विलंबित रख सकता है। इसे 45 दिन या जांच पूरी होने तक बढ़ाया जा सकता है।
