निप्पॉन इंडिया म्युचुअल फंड के उप-मुख्य निवेश अधिकारी (इक्विटी निवेश) शैलेश राज भान ने ऐश्ली कुटिन्हो के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि बाजारों में ताजा तेजी से ऊंचे मूल्यांकनों को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान आय के न्यून आधार को देखते हुए वृद्घि-मूल्यांकन समीकरण लार्ज-कैप के अनुकूल है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
भविष्य में भारतीय इक्विटी के लिए मुख्य कारक क्या हैं?
भारतीय कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में मजबूत आय वृद्घि दर्ज की और खासकर धातु तथा आईटी सेवा जैसे वैश्विक वृद्घि संबंधित क्षेत्रों से अच्छी आय हासिल की गई। ऊंची जिंस लागत का बोझ डालने की असमर्थता, मुद्रास्फीति में पुन: तेजी और मांग पर उसके प्रभाव अर्थव्यवस्था के लिए मुख्य जोखिम हैं। त्योहारी सीजन कोविड-19 महामारी की वजह से आय पर प्रभाव का मुख्य प्रतिबिंब होगा और इस मोर्चे पर किसी तरह की निराशा पर नजर रखे जाने की जरूरत होगी। इसके अलावा केंद्रीय बैंक के कदम के आधार पर ब्याज दरों और तरलता में वैश्विक बदलाव से भी बाजार की चाल तय होगी।
मौजूदा मूल्यांकन पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
बाजारों में ताजा तेजी से भारत में मूल्यांकन को कुछ बढ़ावा मिला है। हालांकि, आय रिकवरी की मजबूती ने बाजार कारोबारियों को आश्चर्यचकित किया है। आय रिकवरी व्यापक है। पिछले पांच वर्षों की आय का न्यून आधार और पीएलआई, चाइना + वन अवसरों जैसे उपायों और पिछले सुधार सकारात्मक हैं।
मौजूदा समय में मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों पर आपका क्या नजरिया है?
मिड-कैप और स्मॉल-कैप व्यवसाय अच्छी आय रिकवरी के लिहाज से उचित दिख रहे हैं। हालांकि इन शेयरों के ताजा अच्छे प्रदर्शन ने लार्ज-कैप क्षेत्र को रिस्क-रिवार्ड परिदृश्य से पसंदीदा बना दिया है। पिछले पांच वर्षों की आय के न्यून आधार और वैश्विक तथा घरेलू मांग द्वारा केंद्रित आर्थिक रिकवरी चक्र को देखते हुए वृद्घि-मूल्यांकन समीकरण लार्ज-कैप क्षेत्र में अनुकूल है।
पहली तिमाही में आय वृद्घि पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
पहली तिमाही में आय उन क्षेत्रों में बाजार अनुमानों से बेहतर रही जिन्हें आईटी सेवाओं और धातुओं जैसी वैश्विक वृद्घि में सुधार से मदद मिली। हालांकि, घरेलू केंद्रित क्षेत्रों पर लॉकडाउन का ज्यादा प्रभाव पड़ा है और उनमें तिमाही के बाद के हिस्से में ही सुधार शुरू हुआ है।
आप किन क्षेत्रों पर दांव लगा रहे हैं?
घरेलू मांग-केंद्रित क्षेत्र निर्माण, पूंजीगत वस्तु, और हॉस्पिटैलिटी की वृद्घि में अच्छा सुधार दिखना चाहिए, खासकर पिछली कुछ तिमाहियों में न्यून आधार की वजह से। वैश्विक क्षेत्र मजबूती दर्ज कर सकते हैं, क्योंकि वित्त वर्ष 2021 में उनका प्रदर्शन पहले ही मजबूत रहा है और मूल्यांकन में तेजी आई है।
बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) शेयरों पर आपका क्या नजरिया है?
कई बैंकिंग कंपनियां अच्छी तरह से पूंजीकृत हैं और वे संकट का अच्छी तरह से मुकाबला करने में सफल रही हैं। बड़े बैंकों को भी कॉरपोरेट के संदर्भ में बेहतर ऋण चक्र का लाभ मिला है, और वे अगले कुछ वर्षों में वृद्घि में सुधार के लिए अच्छी स्थिति में हैं। हालांकि, एनबीएफसी को अपने कमजोर ग्राहक प्रोफाइल की वजह से ज्यादा दबाव का सामना करना पड़ा है और अगली कुछ तिमाहियों के दौरान परिसंपत्ति गुणवत्ता बदलावों पर नजर रखे जाने की जरूरत होगी।