वर्ष 2006 में, बैजू रवींद्रन (अब टेक उद्यमी) ने प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए गणित से संबंधित सत्र संबोधित करने के लिए मुंबई में वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजीकल इंस्टीट्यूट (वीजेटीआई) का दौरा किया था। इस अवसर पर दर्शकों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रा अनीता किशोर भी मौजूद थीं।
किशोर ने कहा, ‘यह यादगार समय था। मुझे वाकई वह सत्र काफी अच्छा लगा और मैथ को लेकर इस तरह की कोशिश सराहनीय थी। मैंने इस तरह के कुछ और सत्र लेने को कहा।’
उस पहले सत्र में हिस्सा लेना किशोर की जिंदगी में एक नया मोड़ लेकर आया था। वह बाद में 2011 में रवींद्रन द्वारा स्थापित एडटेक स्टार्टअप बैजूज से जुड़ गईं। 33 वर्षीया किशोर तेजी से लोकप्रिय हुईं और अब वह बैजूज की मुख्य रणनीतिक अधिकारी हैं। बैजूज 16.5 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ दुनिया की सबसे मूल्यवान एडटेक कंपनी बन गई है। किशोर वैश्विक रूप से और घरेलू बाजार में बैजूज द्वारा किए गए कुछ सबसे बड़े अधिग्रहणों को सफल बनाने में मददगार रही हैं।
उन्होंने अधिग्रहण सौदे करने, रणनीतिक भागीदारियों और रवींद्रन के साथ बड़े कोष उगाही राउंड से संबंधित विचार-विमर्श में हिस्सा लिया। इनमें अप्रैल में दिल्ली स्थित आकाश एजूकेशन सर्विसेज (एईएसएल) का 1 अरब डॉलर का अधिग्रहण और इस साल जुलाई में उच्च शिक्षा सेगमेंट की वैश्विक दिग्गज ग्रेट लर्निंग के 60 करोड़ डॉलर के अधिग्रहण शामिल हैं।
आईआईएम-अहमदबाद से एमबीए की डिग्री हासिल करने वाली किशोर ने कहा, ‘हमारी बहुत बड़ी (एमऐंडए) टीम नहीं है। इसमें मुख्य तौर पर दो लोग (रवींद्रन और किशोर) शामिल हैं।’ बैजूज में शामिल होने से पहले किशोर ने बोस्टन कंसल्टिंग गु्रप में काम किया और लीमन ब्रदर्स में भी समर एसोसिएट के तौर पर जिम्मेदारी निभाई थी।
बैजूज भारत और वैश्विक तौर पर तेज विकास के लिए अधिग्रहणों पर जोर दे रही है, क्योंकि कोरोनावायरस महामारी से ऑनलाइन शिक्षा की लोकप्रियता बढ़ी है। छात्र और पेशेवर अपने कौशल उन्नयन पर ध्यान दे रहे हैं, वहीं स्कूल और कार्यालय बंद हैं। सूत्रों के अनुसार बैजूज ने पूरे भारत और अमेरिका में इस साल करीब 6 कंपनियों का अधिग्रहण किया है और इन अधिग्रहणों पर पिछले 6 महीनों में करीब 2 अरब डॉलर से ज्यादा की रकम खर्च की गई है। विलय एवं अधिग्रहण के जरिये विस्तार से कंपनी को एडटेक बाजार में तेजी से दबदबा बनाने में मदद मिलने की संभावना है।