गोल्डमैन सैक्स, नेटवेस्ट और वॉलमार्ट के वैश्विक दक्षता केंद्र (जीसीसी) देश में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की तैयारी में हैं। ये अपने वैश्विक परिचालन को रफ्तार देने के लिए भारतीय प्रतिभा पर भरोसा कर रहे हैं क्योंकि यह उद्योग कोविड पूर्व स्तर के मुकाबले लगभग दोगुनी संख्या में नए केंद्र खोलने के लिए तैयार है।
आईटी उद्योग के प्रतिनिधि संगठन नैसकॉम के उपाध्यक्ष (उद्योग पहल) केएस विश्वनाथन ने कहा, ‘जीसीसी श्रेणी में हर साल ऐसे करीब 50 केंद्र जुड़ रहे थे। पिछले साल वैश्विक महामारी के बावजूद ऐसे 25 केंद्र जुड़े थे। इस साल हमें अटकी हुई मांग के मद्देनजर 75 से 100 जीसीसी के जुडऩे की उम्मीद है।’
विश्वनाथन ने कहा कि जीसीसी ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए महज बैक ऑफिस परिचालन होने के साथ ही एक लंबा सफर तय किया है। जीसीसी के रोजगार में दो अंकों की वृद्धि हो रही है और वे अपनी मूल कंपनियों में डिजिटल बदलराव को बढ़ावा दे रहे हैं।
गोल्डमैन सैक्स सर्विसेज इंडिया की प्रमुख गुंजन समतानी ने कहा, ‘बेंगलूरु का हमारा कार्यालय वैश्विक स्तर पर गोल्डमैन सैक्स का दूसरा सबसे बड़ा कार्यालय है। कंपनी इस देश में प्रतिभा पर जो निवेश कर रही है उसकी प्रकृति दीर्घकालिक है। उस निवेश प्रतिबद्धताओं में न तो पहली लहर (कोविड की) और न ही दूसरी लहर के दौरान कोई कमी नहीं आई। हम उन चुनिंदा कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने वैश्विक महामारी के बीच एक नए कार्यालय के उद्घाटन की घोषणा की जो हैदराबाद में है। अब हमारे बेंगलूरु और हैदराबाद कार्यालयों में करीब 7,000 कर्मचारी हैं। इस साल हमने 1,700 नए कर्मचारियों को तैनात किया और हम सैकड़ों कर्मचारियों को नियुक्त करना चाहते हैं। हमारे बेंगलूरु और हैदराबाद कार्यालयों में करीब 700 इंटर्न हमारे साथ काम कर रहे हैं।’
वॉलमार्ट ग्लोबल टेक इंडिया के कंट्री हेड एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरि वासुदेव ने कहा, ‘भारत वॉलमार्ट के लिए कभी भी लागत का खेल नहीं रहा है बल्कि यह हमेशा से प्रतिभा का खेल रहा है।’ वॉलमार्ट अब दस साल से अधिक समय से भारत में मौजूद है। वासुदेव ने कहा कि भारत वॉलमार्ट के लिए अमेरिका के बाहर सबसे बड़ा केंद्र है और यह सबसे बड़ा एकल केंद्र होने के करीब है।
पिछले साल कंपनी ने चेन्नई में अपना कार्यालय खोला था और वहां 1,000 से अधिक लोगों की नियुक्ति की गई थी।
नेटवेस्ट ग्रुप के प्रमुख (भारत) पुनीत सूद ने कहा, ‘भारत में हमारे करीब 13,000 लोग हैं और हम कंपनी की सभी पहलुओं को कवर करते हैं न कि महज प्रौद्योगिकी को। हमारी मौजूदगी में प्रौद्योगिकी की हिस्सेदारी करीब आधी है। जैसे ही हम आगे की ओर बढ़ते हैं तो स्वभाविक तौर पर नियुक्तियां जारी रहेंगी लेकिन जाहिर तौर पर हम जिन प्रतिभाओं की नियुक्ति करते हैं वे बहुआयामी हैं।’
जीसीसी क्षेत्र में 1,300 से अधिक वैश्विक संगठन मौजूद हैं। इन कंपनियों ने 13 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिए हैं। नैसकॉम एवं डेलॉयट की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2020 में इस क्षेत्र ने 33.8 अरब डॉलर का वार्षिक राजस्व सृजित किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र ने सकल आउटपुट में 99 से 103 अरब डॉलर का योगदान किया, कर में 5.4 से 5.6 अरब डॉलर का योगदान किया और 52 से 55 लाख लोगों को रोजगार दिया।
कोविड-19 टीकाकरण की रफ्तार बढऩे के साथ ही कंपनियां अब कर्मचारियों को दफ्तरों में वापस लाने के तरीकों पर विचार कर रही हैं। ऐसे में जीसीसी भी नए दृष्टिकोण के साथ आगे बढऩे की तैयारी में हैं।
