सर्वोच्च न्यायालय ने फ्यूचर गु्रप और एमेजॉन के बीच सिंगापुर इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) के समक्ष मध्यस्थता प्रक्रियाओं पर रोक हटा दी है।
पीठ ने यह भी कहा कि एसआईएसी में मध्यस्थता मामला फ्यूचर रिटेल की कार्यवाही समाप्ति प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर सुना जाएगा और आदेश दिया जाएगा।
अपने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि अंतरिम आवेदन दिल्ली उच्च न्यायालय को सौंपा जाएगा, जैसा कि दोनों पक्षों द्वारा सहमति जताई गई है और क्योंकि सुनवाई वहां पहले ही शुरू हो गई है।
सोमवार को एमेजॉन और फ्यूचर समूह ने एसआईएसी के समक्ष पेश होने पर सहमति जताई थी। इन पक्षों ने सर्वोच्च न्यायालय को इसकी जानकारी दी थी और उन्हें मंगलवार को न्यायालय में इस संबंध में संयुक्त ज्ञापन जारी करने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमना द्वारा निर्देश भी दिया गया था। सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों से यह भी कहा था कि वे दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुरोध कर एसआईएसी द्वारा जारी आपात मध्यस्थता निर्णय के प्रवर्तन मामले की प्राथमिक आधार पर सुनवाई करने को कहें।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज एमेजॉन ने रिकॉर्ड पर अपना हलफनामा औपचारिक तौर पर पेश किया था, जिसमें उसने मध्यस्थता प्रक्रियाओं का हवाला दिया, विभिन्न अदालतों के समक्ष फ्यूचर रिटेल द्वारा किए गए कथित झूठे बयानों का आरोप लगाया था। इस मामले की अगली सुनवाई दिल्ली उच्च न्यायालय में 12 अप्रैल को सुनवाई को होगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय मौजूदा समय में दोनों पक्षों (फ्यूचर समूह और एमेजॉन) द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है।
एमेजॉन-फ्यूचर मामले में 5 जनवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय एसआईएसी मध्यस्थता मामले पर सुनवाई हुई और एकल जज के आदेश पर रोक भी लगाई गई, मध्यस्थता पंचाट के लिए निर्देश मांगने वाली फ्यूचर गु्रप की याचिका को खारिज करदिया गया।
