मंदी और ऊंची ब्याज दरों के चलते कार निर्माताओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन कुछ खास मॉडलों की कारों की बिक्री पर इसका खास असर नहीं पड़ा है।
मारुति सुजुकी की स्विफ्ट डिजायर और हैचबैक स्विफ्ट, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा की जाइलो और हुंडई की आई 20 की मांग मंदी में बढ़ी है और इन्हें पाने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि कंपनियों के अन्य मॉडलों की बिक्री की रफ्तार थोड़ी सुस्त हुई है।
महिंद्रा के स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकल जाइलो की कीमत 6.84 लाख रुपये (दिल्ली में) है, जिसे जनवरी में लॉन्च किया गया था, लेकिन इसे पाने के लिए लोगों को दो महीने तक इंतजार करना पड़ रहा है। खास बात यह कि पिछले महीने इसकी कीमत 10,000 से 12,000 रुपये बढ़ाने के बावजूद इसकी बिक्र्री पर कोई फर्क नहीं पड़ा है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के अध्यक्ष (ऑटोमोटिव सेक्टर) पवन गोयनका का कहना है कि टॉप ऐंड वर्जन की मांग सबसे ज्यादा है। जाइलो की मांग बढ़ने की कंपनी की बिक्री में इजाफा हुआ है। कंपनी की ओर से पहले जाइलो की 120 इकाई रोजाना उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन मांग में इजाफा को देखते हुए इस उत्पादन को बढ़ाकर 130-135 वाहन रोजाना कर दिया गया है।
जाइलो के आने से बोलेरो की मांग भी घट गई है। पहले जो ग्राहक बोलेरो या स्कॉर्पियो खरीदने का मन बना रहे थे, वे भी अब जाइलो बुक करा रहे हैं। मारुति सुजुकी की ओर से पिछले साल मार्च में लॉन्च की गई डिजायर की मांग भी काफी ज्यादा है। इसके लिए चार माह की प्रतीक्षा सूची (वेटिंग लिस्ट) है।
इस मॉडल के डीजल वर्जन की कीमत 5.47 लाख रुपये, जबकि पेट्रोल वर्जन की कीमत 4.61 लाख रुपये है। मारुति के चेयरमैन आर. सी. भार्गव का कहना है कि कंपनी की ओर से डिजायर की उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा रही है, लेकिन मांग में इजाफा होने से लोगों को इसके लिए इंतजार करना पड़ रहा है।
कंपनी प्रति माह 3,000 वाहनों के निर्माण से इस मॉडल की शुरुआत की थी, लेकिन मांग बढ़ने की वजह से इसके उत्पादन को बढ़ाकर 7,000 प्रतिमाह कर दिया गया है। कंपनी का कहना है कि डिजायर के लिए प्रतिमाह 10,000 वाहनों की बुकिंग की जा रही है।
मारुति सुजुकी के एक्जिक्यूटिव ऑफिसर (सेल्स ऐंड मार्केटिंग) मयंक पारिख का कहना है कि कंपनी की ओर से स्विफ्ट डिजायर का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है, लेकिन मांग बढ़ने की वजह से इसकी आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है। इसी तरह कंपनी के हैचबैक स्विफ्ट मॉडल की मांग भी काफी ज्यादा है और इसके लिए ग्राहकों को 2 से 3 महीने तक इंतजार करना पड़ रहा है।
कंपनी का कहना है कि प्रतिमाह 9,000 कारों का निर्माण किया जा रहा है, जबकि बुकिंग 11,000 कारों की हो रही है। हुंडई की आई 20 जब लॉन्च की गई थी, तो शुरू में इसकी मांग बहुत ज्यादा नहीं थी, लेकिन अब इसकी मांग बढ़कर करीब दोगुनी हो गई है। कंपनी प्रतिमाह 2000-2200 कारों की बिक्री कर रही है। कंपनी के मुताबिक, इसके लिए ग्राहकों को डेढ़ महीने तक इंतजार करना पड़ रहा है।
मंदी को मात
मारुति स्विफ्ट डिजायर, महिंद्रा की जाइलो और हुंडई की आई 20 की भारी मांग
इन मॉडलों को पाने के लिए ग्राहकों को करना पड़ रहा है महीनों इंतजार
कंपनी की ओर से उत्पादन क्षमता बढ़ाने के बावजूद मांग नहीं हो पा रही पूरी
