नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व शीर्ष अधिकारियों ने 2009 से 2017 के बीच एक निजी कंपनी आईसेक सिक्योरिटीज के साथ मिलीभगत कर अपने बोर्ड सदस्यों और अहम प्रबंधन कार्मिकों समेत सैकड़ों कर्मचारियों की फोन कॉल कथित रूप से टैप कीं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ताजा जांच के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह बताया।
आईसेक सिक्योरिटीज मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडेय द्वारा बनाई गई ऑडिट कंपनी थी। इस तथाकथित ऑडिट कंपनी ने एनएसई की चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण के साथ कथित रूप से एक करार कर इस अवधि में मुख्य वित्त अधिकारी, कारोबार विकास और नियामकीय अधिकारी जैसे अहम कर्मचारियों के फोन टैप किए और आने-जाने वाली कॉल का ब्योरा मुहैया कराया। इसके बदले उन्होंने उपर्युक्त कंपनी (आईसेक) को 4.45 करोड़ रुपये दिए।
सीबीआई ने चित्रा, नारायण, पांडेय और अन्य को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ नया मामला दर्ज किया है। यह मामला गृह मंत्रालय के निर्देशों के आधार पर दर्ज किया गया है। सूत्रों ने संकेत दिया कि आरोपियों को इस मामले में पूछताछ के लिए जल्द बुलाया जाएगा। एक सीबीआई अधिकारी के मुताबिक इस कंपनी (आईसेक) को एनएसई में ‘साइबर जोखिमों के समय-समय पर अध्ययन’ के लिए जोड़ा गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि अध्ययन की आड़ में एनएसई के शीर्ष अधिकारियों ने एनएसई के कार्यालय में मशीन लगाकर अपने कर्मचारियों की फोन कॉल की टैपिंग बदले आईसेक को एक काम का ठेका दिया था।
अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा करना भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के तहत प्रावधानों का उल्लंघन है। इसके लिए न तो किसी सक्षम प्राधिकरण से कोई स्वीकृति नहीं ली गई और न ही स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों से स्वीकृति ली गई।’
सीबीआई ने ताजा खुलासों के बाद 18 जगहों पर व्यापक छापेमारी की, जिनमें पांडेय, चित्रा और नारायण के मुंबई, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, लखनऊ, कोटा तथा चंडीगढ़ स्थित आवास भी शामिल हैं।
चित्रा ने दिसंबर 2016 में मुख्य परिचालन अधिकारी का पद छोड़ा था और नारायण ने जून 2017 में चेयरमैन और बोर्ड सदस्य के पद से इस्तीफा दिया था।
गौरतलब है कि सीबीआई पहले ही चित्रा और नारायण की को-लोकेशन मामले में जांच कर रही है। इस मामले में कुछ ब्रोकरों ने एनएसई के कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर एक्सचेंज में अनुचित पहुंच हासिल की, जिससे उन्हें भारी मुनाफा कमाने में मदद मिली। सीबीआई ने 2018 में जांच शुरू की थी और चित्रा तथा एनएसई के पूर्व समूह परिचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन को गिरफ्तार किया था। इस सप्ताह की शुरुआत में पांडेय प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष उपस्थित हुए थे। ईडी को-लोकेशन मामले में धन शोधन पहलू की जांच कर रहा है।
